Gwalior में फिर साइबर ठगों ने डॉक्टर को किया डिजिटल अरेस्ट, पोर्नोग्राफी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग का दिया हवाला, ऐसे IPS अधिकारी ने की मदद

Gwalior Digital Arrest: मलेरिया अधिकारी को मनी लॉन्ड्रिंग और पोर्नोग्राफी में लिप्त होने की बात कहकर साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट किया. इस दौरान ठगों ने बाथरूम में फोन साथ रखने के लिए मजबूर किया.

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Digital Arrest: ग्वालियर डिजिटल अरेस्ट करने वाले ठगों का हब बनता जा रहा है. चार दिन पहले ठगों ने एक डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट करके 21 लाख रुपये ठग ली. वहीं इस मामले में पुलिस जांच ही कर रही है कि अब ठगों ने ग्वालियर के जिला मलेरिया अधिकारी को अपना निशाना बना लिया. साइबर ठगों ने मलेरिया अधिकारी को कॉल कर मनी लॉन्ड्रिंग और पोर्नोग्राफी में फंसे होने की बात कहकर डराया धमकाया. इस दौरान ठगों ने उन्हें बाथरूम तक मोबाइल ले जाने को मजबूर कर दिया, हालांकि इस दौरान अचानक कॉल डिस्कनेक्ट हो गया. जिसके बाद उन्होंने अपने एक आईपीएस मित्र को कॉल किया और इसकी जानकारी दी.

ग्वालियर में फिर ठगों ने मलेरिया अधिकारी को किया डिजिटल अरेस्ट

ग्वालियर के जिला मलेरिया अधिकारी डॉ विनोद दोनेरिया को सायबर ठगों ने अरेस्ट कर पैसे ऐंठने की कोशिश की. वो अपने घर पर थे, तभी अचानक उनके मोबाइल पर एक व्हाट्सएप कॉल आया. व्हाट्सएप कॉल की डीपी में एक पुलिस अफसर का फोटो लगा हुआ था. हालांकि इस समय शहर में चिकनगुनिया फैला हुआ है ऐसे में अफ़सर फॉगिंग आदि के लिए कॉल करते रहते हैं, इसलिए उन्होंने कॉल उठा लिया. जिसके बाद बताया कि वो मुम्बई क्राइम ब्रांच से बोल रहा है.

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ठग ने दोनेरिया के बारे में काफी जानकारी देते हुए बताया कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग में आया है और पोर्नोग्राफी केस से भी जुड़ा है. उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाएगा और दस से बीस साल तक की सज़ा होगी. मामला काफी संगीन है. 

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टॉयलेट में मोबाइल ऑन करके बातचीत करने का बनाया दबाव

इससे डॉ दोनेरिया बुरी तरह से डर गए और इसके बाद उन्हें ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर अपने इशारों पर नचाना शुरू कर दिया. यहां तक उन्होंने टॉयलेट जाने की बात कही तो उन्होंने वहां भी मोबाइल ऑन करके बातचीत करते रहने के लिए दबाव बनाया. 

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50 हजार खाते में ट्रांसफर करने के लिए बना रहा था दबाव

लम्बी बातचीत के बाद ठगों ने कहा कि वो उनके बैंक खातों की जांच करेंगे. इसके लिए सबसे पहले वो 50 हजार रुपये उनके बताए खाते में ट्रांसफर करें. इस बीच वह लगातार पुलिसिया लहजे में डॉ दोनेरिया को डरा धमका रहा था. इससे भयभीत डॉ ने कॉल काटा और अपने एक परिचित आईपीएस अफसर राकेश सगर को कॉल लगाया और सारी जानकारी दी.

ऐसे IPS अधिकारी ने की मदद

आईपीएस अधिकारी सगर ने उन्हें समझाया और बताया कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ भी नहीं होता. यह ठगों का ठगी का एक तरीका है. आप चिंता मत करो और अब कॉल मत उठाना और पुलिस को सारी जानकारी दो. जिसके बाद उन्होंने यह जानकारी पुलिस अधिकारी को दी और इस तरह मलेरिया अधिकारी सायबर ठगों के बड़े शिकार होने से बाल बाल बच गए.

बता दें कि ग्वालियर में यह डिजिटल अरेस्ट की छठीं घटना है. बीते पांच दिन पहले ग्वालियर के एक अन्य डॉक्टर मुकेश कुमार शुक्ला को डिजिटल अरेस्ट करके उनसे 21 लाख रुपये की ठगी की गई थी. पुलिस को संदेह है कि यह कॉल कम्बोडिया से किया गया है.

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