IPO में पैसा लगवाने के नाम पर व्यापारी से 3.34 करोड़ की ठगी, फायदा होने पर रुपये लौटाने से किया मना

अब ठगों ने लोगों को फंसाने के लिए अलग-अलग तरीके से जाल बिछा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला ग्वालियर से सामने आया है, जहां ठगों ने ICICI  बैंक का फर्जी ऐप बनाकर एक व्यापारी को फंसाया है.

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में शातिर ठगों द्वारा लोगों को ठगने के लिए नए नए तरीके ईजाद किए जा रहे हैं.  एक ऐसा ही मामला ग्वालियर (Gwalior) से सामने आया है, जहां एक व्यापारी को शेयर बाजार के नाम पर ठगों ने 3.34 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने व्यापारी को शेयर बाजार के IPO में पैसा इन्वेस्टमेंट करवाकर अपने जाल में फंसाया था. 

व्यापारी से 27 लाख 71 हजार रुपये का कराया था इन्वेस्ट

दरअसल, ठगों ने ICICI सिक्योरिटी NSE BSE 302 नाम से एक वाट्सएप ग्रुप का लिंक व्यापारी को भेजा था. उसका अकाउंट इसी बैंक में था तो उनको लगा कि बैंक की ओर से ही ऑफर है. जिस पर उन्होंने कुछ रुपये निवेश भी किए बदले में उनको अच्छा लाभ भी मिला. इसके बाद ठगों ने मैसेज के जरिये उनको शेयर बाजार के IPO में इन्वेस्टमेंट के लिए ऑफर दिया. जिसके बाद व्यापारी ने करीब 27 लाख 71 हजार रुपये इन्वेस्ट कर दिया. उसमें भी फायदा मिला. जिसके बाद ठगों ने उनसे दूसरे IPO में भी पैसे लगवाए. जो बढ़कर 3 करोड़ 34 लाख 9540 रुपये हो गए. जब व्यापारी ने रुपये निकालने का प्रयास किया तो ये रकम नहीं निकली.

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ICICI बैंक जाने के बाद ठगी का हुआ अहसास

उन लोगों से संपर्क करने पर 15 प्रतिशत एडवांस जमा करने के लिए कहा. जब व्यापारी ICICI बैंक पहुंचे तो पता लगा कि न तो वह ग्रुप उनका है और न ही उन्होंने कोई ऑफर दिया है. ठगी का अहसास होते ही पीड़ित ने एसपी ऑफिस पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. 

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ऐप के जरिए व्यापारी ने कुछ शेयर खरीदे, फिर उसे बेचे

बता दें कि ये ठगी ग्वालियर शहर के महाराजपुरा स्थित शताब्दीपुरम फेस-2 निवासी जितेन्द्र कुमार तिवारी के साथ हुआ है, जो एक व्यापारी भी हैं. वहीं शिकायत में उन्होंने बताया है कि 4 फरवरी, 2024 को उनके मोबाइल पर ICICI सिक्योरिटीस NSE BSE 302 के नाम से एक वाट्सएप ग्रुप का लिंक आया था. उनका अकाउंट ICICI बैंक में ही है इसलिए उन्होंने वाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर लिया. इसके बाद जितेन्द्र के पास शेयर बाजार से जुड़े मैसेज आने लगे. इसके बाद वाट्सएप ग्रुप पर आए. ICICI सिक्योरिटी के ऐप के लिंक को डाउनलोड कर उस ऐप पर कुछ शेयर खरीदे और बेचे. जिसका उन्हें प्रॉफिट सहित पूरा पैसा मिला. उसके बाद जितेन्द्र को शेयर बाजार के आईपीओ में पैसा लगावाने की सलाह दी गई तो वो तैयार हो गए, क्योंकि उनको अभी तक शेयर ट्रेडिंग का पैसा भी मिला और फायदा भी हुआ, जिस कारण वो काफी उत्साहित नजर आए.

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प्रॉफिट होने के बाद फिर से इन्वेस्ट किया पैसा

जितेन्द्र शेयर बाजार के IPO में इन्वेस्टमेंट के लिए तैयार हो गए. जिस पर ऐप से डायरेक्शन मिला की ये आईसीआईसीआई सिक्योरिटी इंटरनेशनल ऐप है, तो इसमें डायरेक्ट पैसा जमा नहीं कर सकते हैं. इसके लिए अलग से अकाउंट नंबर दिया जाएगा, उसमें पैसा जमा करना होगा. उसके बाद उन्होंने जितेन्द्र से अलग अलग अकाउंट में कुल 27 लाख 71 हजार 800 रुपये जमा करवा लिया. जमा किए हुए रुपये बाकायदा उनके अकाउंट में IPO के शेयर के रूप में दिख रहे थे. जब IPO की लिस्टिंग डेट आई तो उसके पैसे का प्रॉफिट बढ़ता गया. जिस पर उसने यह शेयर बेचने के बाद दूसरे IPO में पैसा लगाया.

इन्वेस्ट किया हुआ रुपया बढ़कर 3.34 करोड़ हुआ

दूसरी कंपनी के IPO लिस्टिंग के बाद  ये प्रॉफिट समेत कुल 3 करोड़ 34 लाख 9540 रुपये हो गया था.इसके बाद जितेन्द्र ने सारे शेयर बेच दिए और पैसे निकालना चाहे तो वहां से मैसेज आया कि आप यह पैसा नहीं निकाल सकते हैं. व्यापारी ने पूछा क्यों नहीं निकाल सकता हूं, तो उसे बोला गया कि आपको 15 प्रतिशत एडवांस टैक्स जमा करना पड़ेगा. इसके बाद जितेन्द्र बार-बार निवेदन करता रहा पर उन लोगों ने पैसा निकालने नहीं दिया. जिसके बाद व्यापारी को कुछ गड़बड़ की आशंका हुई.

बैंक के अफसरों के बताने के बाद ठगी का हुआ अहसास

जितेन्द्र कुमार को लगा कि शायद बैंक से कोई मदद हो जाए. यह सोचकर वह आईसीआईसीआई बैंक गया. बैंक जाने पर आईसीआईसीआई बैंक के अफसरों ने बताया कि यह तो हमारा ऐप है ही नहीं. उन्होंने बताया कि यह तो कोई डुप्लीकेट ऐप है और आपके साथ फ्रॉड हो गया है. तब जितेन्द्र को एहसास हुआ कि मेरे साथ धोखाधड़ी हुई है. इसके बाद वो एसपी ऑफिस पहुंचे और मामले की शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की. जिन खातों में उन्होंने कैश ट्रांजेक्शन किए हैं वो सभी बाहर के हैं, जिसकी डिटेल भी उन्होंने पुलिस को दी. पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद क्राइम ब्रांच जांच शुरू कर दी है.

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