BSF Recruitment Fraud: चार राज्यों में फैला नेटवर्क, छत्तीसगढ़ में सॉल्वर गैंग; ग्वालियर पुलिस को मिले अहम सुराग

BSF Recruitment Fraud: बीएसएफ में आरक्षक भर्ती के लिए आयोजित ऑनलाइन परीक्षा में अभ्यर्थियों की जगह सॉल्वर बैठे थे. सॉल्वरों ने सभी दस्तावेज अपने नाम पर बनाए थे, लेकिन फोटो अभ्यर्थियों के लगे थे. गिरफ्तार अभ्यर्थियों के बाद इन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.

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BSF Online Exam Fraud: ग्वालियर के नजदीक बीएसएफ ट्रेनिंग अकादमी में SSC यानी स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) के जॉइनिंग लेटर के साथ पहुंचे 9 अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी के बाद अब फर्जीवाड़े के तार छत्तीसगढ़ से जुड़ गए हैं. जिन नौ मूल अभ्यर्थियों को बीएसएफ ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया था, वो अब पुलिस रिमांड पर हैं और पूछताछ में उन्होंने कई चौकानें वाले खुलासे किए हैं.

इन्होंने बताया कि रायपुर (छत्तीसगढ़) के सॉल्वरों से 1 करोड़ 30 लाख में डील हुई थी. जॉइनिंग के लिए पहुंचे अभ्यर्थियों के जब दस्तावेजों से हस्ताक्षर और फोटो का मिलान नहीं हुआ तो इन्हें गिरफ्तार किया गया था. दलालों के पकड़े जाने के बाद पुलिस की एक टीम तफ्तीश के लिए रायपुर भी भेजने की तैयारी हैं, जो वहां के केंद्र पर परीक्षा और परीक्षण प्रक्रिया की जानकारी लेगी.

चार दिन पहले हुआ खुलासा

बीएसएफ (BSF) में आरक्षक भर्ती के लिए आयोजित ऑनलाइन परीक्षा में फर्जीवाड़ा चार दिन पहले पकड़ा गया था. बीएसएफ ने सॉल्वरों के जरिये परीक्षा पास करने वाले नौ अभ्यर्थियों को पकड़ा था, जिन्हें पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने सभी को कोर्ट में पेश कर आठ दिन की रिमांड मांगी. इस दौरान कोर्ट ने तीन दिन का रिमांड मंजूर किया था, जो मंगलवार (11 फरवरी) को पूरा हो रहा है.

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आरोपियों के घर से दस्तावेज जब्त

आरोपियों ने पूछताछ में कई चौकानें वाले खुलासे किए. पुलिस ने आरोपियों के घरों से उनके मूल दस्तावेज जब्त किए हैं. साथ ही नियुक्ति पत्र (जॉइनिंग लेटर) देने वाले 8 दलालों को भी चिह्नित किया है, इनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं. पुलिस की एक टीम रायपुर भी सॉल्वरों की गिरफ्तारी के लिए रवाना होगी.

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हर अभ्यर्थी से 14-15 लाख की हुई डील

पूछताछ में पता चला कि दलालों ने हर एक अभ्यर्थी से 14-15 लाख रुपये की मोटी रकम लेने की डील की थी. इस तरह सभी से लगभग 1 करोड़ 30 लाख रुपये लेने थे. सॉल्वरों ने अभ्यर्थियों के स्थान पर बैठकर ऑनलाइन परीक्षा दी थी, जिसके बदले में उन्हें 3-4 लाख रुपये मिले थे.

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दस्तावेज सॉल्वर के, फोटो अभ्यर्थियों की

ग्वालियर जिले की बिलौआ थाना पुलिस को पूछताछ में पता चला कि छत्तीसगढ़ के सॉल्वर यह रैकेट चला रहे हैं. इन्होंने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अभ्यर्थियों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा किया है. अभ्यर्थियों के पास सॉल्वर के नाम का नियुक्ति पत्र, 10वीं, 12वीं की मार्कशीट, मूल निवासी प्रमाण पत्र और आधार कार्ड सहित स्क्रीनिंग में मांगे जाने वाले सभी दस्तावेज थे. आधार कार्ड सहित इन दस्तावेजों पर सॉल्वर के ही नाम थे, लेकिन फोटो फर्जी अभ्यर्थियों के थे.

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पुलिस ने सभी आरोपियों के मोबाइल जब्त कर लिए हैं. इनकी जांच साइबर फॉरेंसिक एक्सपर्ट से कराई जा रही है. कॉल डिटेल की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस जांच करेगी. वहीं, पुलिस को अभ्यर्थियों से दलालों के नंबर मिल गए हैं.

जॉइनिंग के लिए आए पकड़े गए अभ्यर्थी

  • पवन गुर्जर और दलवीर सिंह, आगरा (उत्तर प्रदेश)
  • संदीप कुमार, अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)
  • संदीप सिंह और छोटू सिंह, धौलपुर (रजस्थान)
  • रामदास सिंह और अजय रावत, मुरैना (मध्य प्रदेश)
  • आकाश सिंह, फैजाबाद (उत्तर प्रदेश)
  • अनिल कुमार सिंह, मुरैना (मध्य प्रदेश)

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ये हैं सॉल्वर

संदीप कुमार, संदीप सीताराम, योगेश कुमार, देवेश पाल, संजीत कुमार, संजीत कुमार, उत्तम पटेल, अरुण सिंह, शिव प्रकाश सॉल्वर ने परीक्षा दी थी. ये सबी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं.

ग्वालियर के एएसपी निरंजन कुमार शर्मा ने बताया कि बहरहाल ग्वालियर की बीएसएफ अकादमी स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की भर्ती का मामला काफी बड़ा है. क्योंकि यहां केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के आरक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ है. ऐसे में पुलिस इस फर्जीवाड़े की परतें उधेड़ने में लगी है. साथ ही छत्तीसगढ़ में बैठे सॉल्वरों को पकड़ने के लिए पुलिस भी जाएगी.

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