Bhopal DIG: ग्वालियर में हुए एक हत्या मामले में कॉल डिटेल छुपाने पर भोपाल DIG मंयक अवस्थी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने डीआईजी भोपाल के खिलाफ विभागीय जांच और अवमानना केस चलाने के आदेश देते हुए कड़ी फटकार लगाई और कहा कि 'क्या ऐसे अफसर विभाग मे रहने योग्य हैं?'
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कोर्ट को झूठी जानकारी दी कि हत्या के मामले से जुड़ा कॉल डिटेल रिकॉर्ड सुरक्षित रखा गया है
गौरतलब है मामला तब का हैं जब डीआईजी भोपाल मयंक अवस्थी एसपी दतिया हुआ करते थे. हाई कोर्ट ने माना कि यहां पदस्थ रहते हुए उन्होंने ट्रायल कोर्ट को झूठी जानकारी दी कि हत्या के मामले से जुडा कॉल डिटेल रिकॉर्ड सुरक्षित रखा गया है, जबकि पुलिस ने कहा था कि वह डेटा सहेजना ही भूल गई थी.
जांच में हुआ खुलासा, कॉल डिटे रिकॉर्ड सुरक्षित रखने संबंधी जानकारी एसपी को भेजी गई थी
रिपोर्ट के मुताबिक ग्वालियर मर्डर केस की जांच में तथ्य सामने आया कि गत 17 सितंबर 2018 को रिकॉर्ड सुरक्षित रखने संबंधी जानकारी एसपी को भेज दी गई थी, फिर भी कोर्ट को गलत जानकारी दी गई. कोर्ट ने डीजीपी से पूछा कि क्या ऐसे अधिकारी विभाग में बने रहने योग्य हैं और उन्हें फील्ड पोस्टिंग दी जा सकती है?
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डीआईजी भोपाल को हाई कोर्ट ने 5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति जमा करने के भी दिए हैं आदेश
मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जानी आदेश में डीआईडी भोपाल मंयक अवस्थी को 5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति के लिए जमा करने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद उनकी मुसीबतें बढ़ गयी हैं, क्योंकि उनके खिलाफ डिपार्टमेंटल जांच करने के साथ कोर्ट की अवमानना का केस चलाने के आदेश दिए हैं. अब उनकी फील्ड पोस्टिंग भी खतरे में आ गई हैं.
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