Gwalior Crime News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के घाटीगांव ब्लॉक के आरौन थाना क्षेत्र के बन्हेरी के सरपंच विक्रम रावत (Vikram Rawat) की ग्वालियर (Gwalior) में हत्या कर दी गई, इसके बाद नाराज ग्रामीणों ने जमकर उत्पात मचाया. गुस्साई भीड़ ने संदेहियों के घरों में आग लगा दी. जिसमें कई मवेशी जलकर मर गए. भीड़ ने फसलों, वाहन और ट्रैक्टरों को भी जला दिया. दूसरे पक्ष के लोग वहां से जान बचाकर भाग निकले. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स ने कड़ी मशक्कत करने के बाद गांव में जैसे-तैसे घुस पायी और स्थिति पर काबू पाया. फिलहाल गांव में तनाव और दहशत का माहौल बना हुआ है. वहीं गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
ग्वालियर में की गई थी विक्रम की हत्या
बन्हेरी के सरपंच विक्रम रावत की हत्या सोमवार, 09 अक्टूबर को ग्वालियर के पड़ाव थाना इलाके में स्थित पॉश कांति नगर में उस समय कर दी गई थी जब वो अपनी गाड़ी से एडवोकेट के घर उससे मिलने आया था. दरअसल, विक्रम जैसे ही अपनी गाड़ी से उतरे थे वैसे ही एक्टिवा में सवार होकर पहुंचे 5 हमलावरों ने उस पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी थीं. हमलावारों ने सरपंच को आठ गोलियां मारी. जिसमें से एक रीढ़ की हड्डी में, दो लिवर में, एक लंग्स में और चार सिर में लगी. गोली लगने के बाद विक्रम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बदमाश हथियार लहराते हुए मौके से भाग निकले.
एसपी ऑफिस में जमकर किया गया प्रर्दशन
घटना की सूचना मिलने के बाद मृतक सरपंच के परिजन और समर्थक एसपी ऑफिस पहुंचे और प्रदर्शन किया. उन्होंने जमकर हंगामा और घेराव किया. इस दौरान मृतक की पत्नी नीतू उर्फ सिमरन ने गुस्से में पुलिस अफसर की गिरेवान भी पकड़ ली थी, लेकिन पुलिस ने नजाकत को देखते हुए संयम से काम लिया.
हत्या के बाद बन्हेरी गांव मे जमकर आगजनी
इधर, जैसे ही सरपंच विक्रम की हत्या की खबर बन्हेरी गांव पहुंची वैसे ही ग्रामीणों में गुस्सा फैल गया. वहीं परिजन और नाराज समर्थकों की भीड़ ने दूसरे गुट के लोगों के घरों पर हमला कर दिया और घरों, ट्रैक्टर और वाहनों को आग के हवाले कर दिया. हालांकि इन घरों में मौजूद लोगों ने अपनी जान बचाकर मौके से भाग निकले. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच गांव मे भी आमने सामने फायरिंग हुई. हालांकि किसी को गोली नहीं लगी. फिलहाल पुलिस गोली चलने की बातों की पुष्टि नहीं की है.
भीड़ ने 40 घर और 16 वाहनों को फूंका
गुस्साई भीड़ ने विरोधी पक्ष के लगभग 40 घरों में आग लगाकर उसे फूंक डाला. इसके अलावा 16 वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया. दरअसल, इन वाहनों में अनाज से भरे कई ट्रैक्टर भी शामिल थे. इतना ही नहीं भीड़ ने खेत में काट कर रखी हुई फसल और दर्जनों मवेशियों को भी जला दिया.
मुकेश रावत पर लगाया हत्या के षड्यंत्र का आरोप
ग्रामीणों का आरोप गांव के ही मुकेश रावत पर है. उन लोगों का कहना है कि एक साल पहले ट्रैक्टर निकालने को लेकर ड्राइवर से हुए विवाद के बाद मुकेश रावत ने अपने परिजनों के साथ मिलकर सरपंच के भाई रामनिवास को गोली मारकर हत्या कर दी थी. उस समय उस पर इनाम भी घोषित हुआ था. ग्रामीणों का आरोप है कि मुकेश रावत की पत्नी और भाई प्रशासनिक और पुलिस अफसर हैं. राजनीतिक संरक्षण होने से कारण उस पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं हो सकी और सभी जमानत पर जेल से छूट आये.
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बन्हेरी गांव पुलिस छावनी में तब्दील
हत्या और आगजनी के बाद बन्हेरी गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है. वहीं गांव में घुसने के लिए पुलिस को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. दो घण्टे बाद पुलिस ने चारों तरफ से बन्हेरी को घेरा फिर प्रवेश किया. घटना के बाद गांव से लगभग दस किलोमीटर की दूरी से ही पुलिस बल तैनात है. इधर, एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा 9 अक्टूबर से ही बन्हेरी में डेरा डाले हुए है. वहीं एसएसपी राजेश सिंह चंदेल और एडिशनल एसपी अखिलेश रेनवाल भी मृतक का अंतिम संस्कार होने तक गांव में मौजूद रहे. जानकारी के मुताबिक, इस आगजनी में लगभग चार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
पूरे इलाके में दहशत और तनाव
इस घटना के बाद से न केवल बन्हेरी बल्कि आसपास के गांव में भी तनाव और दहशत का माहौल बना हुआ है. हालांकि एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि आसपास काफी सुरक्षा बल तैनात हैं और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. फिलहाल इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है.
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