पुलिस की इतनी शर्मनाक हरकत ! ऑटो ड्राइवर को उल्टा लटकाकर पीटा, पेशाब पिलाई और टांग तोड़ दी 

MP Crime News: पड़ाव थाने के टीआई सहित पुलिसकर्मियों ने जमीन पर उल्टा लेटाकर बेरहमी से पीटा. क्राइम ब्रांच के टीआई ने उसे जबरन पेशाब पिलाई. पीट-पीटकर पैर तोड़ दिया.

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Madhya Pradesh News: ग्वालियर पुलिस पर एक ऑटो चालक ने थर्ड डिग्री टॉर्चर का सनसनीखेज आरोप लगाया है. उसका कहना है कि पुलिस ने उसे एक्सीडेंट होने का बहाना बनाकर दो बार थाने बुलाया. उसे उल्टा लिटाकर बेल्ट से पीटा गया. उसे पेशाब पिलाई गई और भी तरह तरह से मारपीट की गई, जिसके चलते उसके पैर में फ्रेक्चर हो गया और कई जगह चोट आई हैं. इसकी शिकायत एसपी से भी की गई है. 

ये है मामला 

दरअसल 17 जून को शहर के पड़ाव थानाक्षेत्र में स्टेशन बजरिया बस स्टैंड तिराहे पर चोरी हुई थी। भिंड के सराफा कारोबारी अमन बंसल की कार से 15 लाख रुपए के गहनों से भरा बैग गायब हो गया था.  पुलिस को शक है कि चोरी के आरोपियों से ऑटो ड्राइवर सोनू शिवहरे उर्फ दीपक का लिंक है. उसे गाड़ी से चोरी हुए सोने के मामले में संदेह होने पर पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया और फिर उसकी अमानवीय ढंग से पिटाई की.  मामला तूल पकड़ा तो पुलिस ने घायल ऑटो चालक को धारा 151 में कार्यवाही कर छोड़ दिया. प्रताड़ित ऑटो ड्राइवर सोनू शिवहरे उर्फ दीपक और उसके परिजन की शिकायत पर एसपी धर्मवीर सिंह ने SSP अखिलेश रेनवाल को जांच सौंपी है. 

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पुलिस की इस अमानवीय प्रताड़ना का शिकार हुआ ऑटो चालक दीपक माधोगंज इलाके के सिकंदर कंपू में स्थित सांवरिया धाम का रहने वाला है. दूसरे का ऑटो चलाता है. दीपक का आरोप है कि उसके पास पड़ाव थाने के आरक्षक संजीव यादव ने मोबाइल पर कॉल कर कहा था कि उनके ऑटो से एक्सीडेंट हुआ है. ड्राइवर को थाने ले आओ.

उस समय मैं शिवपुरी और वहां से इंदौर गया था. वापस लौट कर 22 जून को पड़ाव थाने पहुंचा.  पुलिस ने फोटो दिखाकर सोना चोरी करने को लेकर पूछताछ की। इनकार करने पर हवालात में बंद कर रात डेढ़ बजे तक निर्ममता से पीटा. उसने बताया कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नही है लेकिन लगातार मारपीट की लेकिन फिर छोड़ दिया.

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दोबारा थाने बुलाकर क्राइम ब्रांच को सौंपा

घायल ऑटो चालक दीपक का कहना है, '24 जून को आरक्षक संजीव यादव ने फिर फोटो दिखाने की बात  कहकर उसे थाने बुलाया. वहां से उसे थाटीपुर ले जाकर क्राइम ब्रांच के सुपुर्द कर दिया.वहां पड़ाव थाने के टीआई सहित पुलिसकर्मियों ने जमीन पर उल्टा लेटाकर रबड़ के फट्टे से उसे बेरहमी से  पीटा. क्राइम ब्रांच के  टीआई ने उसे जबरन पेशाब पिलाई. पीट पीटकर पैर तोड़ दिया. कई जगह घायल होने और निर्मम ढंग से पिटाई से उसकी  तबीयत बिगड़ी तो वहां से लाकर चुपचाप अस्पताल में भर्ती करा दिया.

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दीपक ने बताया कि जब इतनी मारपीट के बाद भी पुलिस को उसके खिलाफ  चोरी का कोई सबूत नहीं मिला तो शांति भंग करने का केस लगाकर मुंह बंद रखने का कहकर छोड़ दिया. मेरे साथ ऑटो चालक निखिल, आकाश खटीक सहित दो अन्य लोगों को भी पकड़ा था. उन्हें भी पीटा गया.

दीपक का कहना है कि अगर वह चोर होता तो पुलिस के बुलाने पर थाने क्यों जाता ?  पुलिस सिर्फ सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में घटनास्थल से निकलता दिखने पर मुझे संदेही मान रही है. जबकि, मेरा कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.मेरे घर पर भी पुलिस ने आकर तलाशी ली है, उनको कुछ नहीं मिला.

दीपक ने बताया कि मेरा 5 साल का बेटा है. उसकी पूरी जिम्मेदारी मुझ पर है. ऐसे में कैसे गलत काम कर सकता हूं. 2019 में कैंसर से पत्नी का निधन हो चुका है. 8 जुलाई को बहन की बेटी (भांजी) की शादी है. मैं उसकी तैयारियों में लगा हुआ हूं. 

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ऑटो चालक के खिलाफ सुराग मिले हैं

उधर मामले के तूल पकड़ने पर ग्वालियर के एसपी धर्मवीर सिंह का कहना है कि सराफा कारोबारी के गहने चोरी में इस ऑटो चालक के खिलाफ कुछ सुराग मिले हैं. लेकिन अभी कुछ साबित नहीं हो पाया है. थाने में उससे बेरहमी से मारपीट और पेशाब पिलाने के आरोपों की जांच कराई जा रही है. इसकी जांच एडिशनल एसपी अखिलेश रेनवाल को सौंपी गई है. 

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