MP Polluted City : यूं तो मध्य प्रदेश की गिनती स्वच्छ राज्यों में होती है. भोपाल और इंदौर को सबसे स्वच्छ शहर भी माना जाता है. यहां रहने वाले लोग स्वच्छ हवा के साथ-साथ राहत की सांस भी लेते हैं. लेकिन अब मध्य प्रदेश प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट से पता चला है कि ग्वालियर की हवा पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा गंदी है. ग्वालियर में हवा खराब होने का सबसे बड़ा कारण सड़कों की धूल है. सड़कों की खुदाई और कंस्ट्रक्शन के कारण हर जगह धूल उड़ती है. इस धूल से हवा में पीएम 10 नाम के छोटे-छोटे कण बढ़ गए हैं. ये कण बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक हैं. ग्वालियर में AQI दीवाली के बाद से 300 से नीचे नहीं आया. कई जगहों पर यह 400 तक पहुंच गया है. मालूम हो कि 300 से ऊपर का AQI हवा को खतरनाक बना देता है.
हवा की हालत सुधारने के लिए उठाए गए कई कदम
मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2018 में भी ग्वालियर की हवा सुधारने के लिए एक योजना बनाई गई थी और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को भेजी गई थी. इसके बाद साल 2023 में IIT कानपुर ने ग्वालियर में प्रदूषण पर एक रिपोर्ट बनाई. इस पर 70 लाख रुपये खर्च हुए. लेकिन रिपोर्ट पर कोई काम नहीं हुआ.
बढ़ते प्रदूषण को लेकर जब पर्यावरण की जानकार से बात की गई तो उन्होंने क्या कहा? पढ़िए :
जीवाजी विश्वविद्यालय में पर्यावरण की जानकार डॉ. निमिषा जादौन ने बताया कि ग्वालियर में सड़कों की हालत बहुत खराब है. सड़कों पर हमेशा धूल उड़ती रहती है. साथ ही शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट (बस, ऑटो जैसी सुविधाएं) भी कम हैं. उनका कहना है कि अगर सड़कों को ठीक कर दिया जाए और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा बढ़ाई जाए तो हालात सही हो सकते हैं... और ग्वालियर की हवा थोड़ी साफ हो सकती है. क्योंकि खराब सड़कों के चलते काफी धूल उड़ती है. जबकि गाड़ियों से निकलने वाले धुएं से भी प्रदूषण का स्तर बढ़ता है.
लोगों को सांस लेने में हो रही दिक्क्त
बता दें कि गंदी हवा के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. बच्चों और बुजुर्गों की तबीयत बिगड़ रही है. लोग मास्क पहन रहे हैं लेकिन यह भी पूरी सुरक्षा नहीं देता है. खराब हवा के कारण शहर में सांस से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं और लोग नित दिन अस्पतालों के चक्कर काटने को मजबूर है... लेकिन AQI में गिरावट नहीं देखने को मिल रही.
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