GST पर बड़ा फैसला: 12% और 28% वाले स्लैब खत्म, अब सिर्फ 5 और 18 दो ही दरें होंगी

GST News: सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी के 12% और 28% वाले स्लैब पूरी तरह समाप्त कर दिए जाएंगे. इससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह “जीएसटी 2.0 सुधार” होगा, जिससे न सिर्फ उपभोक्ता भावना मजबूत होगी बल्कि मांग और अनुपालन (Compliance) दोनों में आसानी आएगी.

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GST Rate Cut: आपने कई बार अनुभव किया होगा कि कोई सामान 500 रुपये का खरीदा और बिल बनवाने गए तो 600 रुपये देने पड़े. कारण– 100 रुपये जीएसटी. चाहे एसी की सर्विस हो, कैब बुकिंग, रेस्त्रां में खाना या फिर फुटवियर-परिधान की शॉपिंग—हर जगह अलग-अलग दरों से जीएसटी देना पड़ता है. कई बार यह बोझ इतना ज्यादा हो जाता है कि उपभोक्ता परेशान हो जाते हैं. लेकिन अब इस ढांचे में बड़ा बदलाव होने जा रहा है.

15 अगस्त को हुआ था ऐलान, 22 सितंबर से लागू होंगी नई दरें

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से इसका संकेत दिया था. अब केंद्र सरकार औपचारिक घोषणा करने जा रही है और 22 सितंबर से नई जीएसटी दरें लागू हो जाएंगी.

हिमाचल प्रदेश के वित्त मंत्री ने किया खुलासा

हिमाचल प्रदेश के वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि केंद्र और राज्यों में जीएसटी स्लैब घटाने पर सहमति बन गई है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में आम राय बनी कि अब केवल दो स्लैब—5% और 18% रहेंगे. हालांकि, केंद्र ने माना कि इस बदलाव से करीब 93 हजार करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा, लेकिन स्लैब सरलीकरण से 43 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी की संभावना भी है.

खत्म होंगे 12% और 28% वाले स्लैब

सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी के 12% और 28% वाले स्लैब पूरी तरह समाप्त कर दिए जाएंगे. इससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह “जीएसटी 2.0 सुधार” होगा, जिससे न सिर्फ उपभोक्ता भावना मजबूत होगी बल्कि मांग और अनुपालन (Compliance) दोनों में आसानी आएगी.

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फुटवियर और परिधान होंगे सस्ते

बैठक में जीएसटी परिषद ने फैसला किया कि 2,500 रुपये तक की कीमत वाले जूते-चप्पल और कपड़े अब 5% जीएसटी स्लैब में आएंगे. पहले सिर्फ 1,000 रुपये तक के उत्पादों पर ही यह दर लागू थी और महंगे उत्पादों पर 12% कर लगता था. अब उपभोक्ताओं को फुटवियर और परिधान सस्ते मिलेंगे.

विशेषज्ञों की राय: बढ़ेगी खपत, जीडीपी को मिलेगा सहारा

इकोनॉमिस्ट सूर्या नारायणन के अनुसार, इस सुधार से कई उत्पादों की कीमत में कम से कम 15% की गिरावट होगी, खासकर एफएमसीजी उत्पाद सस्ते होंगे. इससे मांग और खपत दोनों बढ़ेंगी और जीडीपी को सीधा फायदा मिलेगा.
इन्फोमेरिक्स रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिस्ट डॉ. मनोरंजन शर्मा का मानना है कि नए बदलाव से आम आदमी की जेब में अधिक डिस्पोजेबल इनकम बचेगी, जिससे घरेलू बजट पर दबाव कम होगा.

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