Ground Zero: बारिश की मार नहीं झेल पाएगा ये नेशनल हाईवे, बनने से पहले ही हुई कई घटनाएं, ग्रामीणों ने लगाया बड़ा आरोप

National Highway Ashoknagar: बारिश शुरू होते ही अशोकनगर में 262 करोड़ रुपये से बनाए जा रहे नेशनल हाईवे की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. एक ही दिन में दो वाहन फुटपाथ पर फंस गए, 50 यात्रियों से भरी बस पलटते-पलटते बची. ग्रामीणों ने लापरवाही के आरोप लगाए हैं. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.

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अशोकनगर में बन रहे सड़क के निर्माण कार्य में लापरवाही

Ashoknagar News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के अशोकनगर जिले से होकर विदिशा जिले तक 262 करोड़ रुपये से अधिक लागत से चल रहे नेशनल हाईवे 346ए के निर्माण में गुणवत्ता का कितना ख्याल रखा गया है, इसका खुलासा बारिश शुरू होते ही बीते 24 घंटों में घटित हुईं दो दुर्घटनाओं से लगाया जा सकता है. देखा जाए तो बहादुरपुर तहसील के सुमेर गांव में बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात एक ट्रॉला शोल्डर में फंसकर एक मंदिर पर पलट गया, तो गुरुवार शाम को भोपाल से चंदेरी जा रही एक यात्री बस भी सुमेर गांव में सड़क से नीचे उतरकर शोल्डर और नाली के बीच फंस गई. गनीमत रही कि चालक की सूझबूझ से सवारियां सुरक्षित रह गईं.

नेशनल हाईवे के बनने से पहले ही हो रही लगातार घटनाएं

ग्रामीणों का सड़क निर्माण को लेकर बड़ा सवाल

इन दोनों दुर्घटनाओं के बाद ग्रामीणों ने सड़क निर्माण कंपनी पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं. सुमेर निवासी रामराज सिंह राजपूत ने बताया कि फुटपाथ के अर्थवर्क में मुरम-कोपरा जैसा सख्त मटेरियल भरने की बजाय पीली मिट्टी डाली गई है, जो बरसात के पानी से दलदली हो गई है और वाहन फंस रहे हैं. वहीं, बलवीर सिंह राजपूत का कहना था कि कंपनी की यह लापरवाही उनके जानमाल पर भारी पड़ सकती है, क्योंकि सुमेर गांव में अधिकतर मकान सड़क किनारे ही बने हैं. ऐसे वाहन फंसकर पलटेंगे, तो उनसे मकानों को ही नुकसान होगा. सुमेर के ही इंजीनियर धर्मेन्द्र बैस ने कहा कि जब नालियां बनाई जा रही थीं, तभी उन्होंने इनकी तकनीकी खामी कंपनी के अधिकारियों को बताई थी. लेकिन, अधिकारियों ने एक भी नहीं सुनी.

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चमत्कारिक ढंग से बचा शिवालय

हीरेन्द्र सिंह बना सुमेर के निवासी हैं. कुछ सालों पहले उनके बाड़े में सड़क किनारे एक शिवालय उन्होंने बनवाया था. बुधवार-गुरुवार की मध्यरात्रि एक ट्रॉला इसी शिवालय पर जाकर पलट गया. ट्रॉला में 27 और 31 टन वजनी लोहे की चादरों के दो बंडल थे. ट्रॉला कुछ इस तरह से पलटा कि दोनों बंडल 10 फीट की चौड़ाई वाले शिवालय के इर्द-गिर्द जाकर गिरे. इनमें से यदि एक भी शिवालय पर गिर जाता तो नुकसान निश्चित था. जहां ट्रॉला पलटा, वहां करीब 30 फीट की लंबाई में नाली पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं. ट्रॉला के चालक मढ़िया कोंचे ने बताया कि वह चादरों को भोपाल से पिछोर छोड़ने जा रहे थे.

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हाईवे के बनने को लेकर ग्रामीणों ने उठाए सवाल

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कलेक्टर ने कही ये बात

सड़क पर दुर्घटना और इसका गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल को लेकर जिला कलेक्टर आदित्य सिंह ने कहा कि ये गंभीर मामला है. आपके द्वारा यह संज्ञान में आया है. हम जांच कराते हैं. यदि निर्माण में कमी रखी गई तो निष्चित ही कार्रवाई करेंगे.

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