बांधवगढ़ में दस हाथियों की मौत के मामले पर सरकार का बड़ा एक्शन, इतने अधिकारी हो गए निलंबित

Action On Umaria Elephant Attack Case:  मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ में बीते कुछ दिनों में 10 हाथियों की मौत के बाद हड़कंप मचा था. अब इस मामले पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. वहीं, सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ऐसी घटनाओं में जनहानि होने पर प्रदेश सरकार ने 8 लाख रुपये की आर्थिक सहायता बढ़ाकर 25 लाख रुपये देने का निर्णय लिया है.

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बांधवगढ़ में 10 हाथियों की मौत के मामले पर सरकार का बड़ा एक्शन, इतने अधिकारी हो गए निलंबित.

Madhya Pradesh Hindi News: मध्य प्रदेश के उमरिया (Umaria) जिले में स्थित बांधवगढ़ (Bandhavgarh Tiger Reserve) में बीते कुछ दिनों के अंदर दस हाथियों की मौत (Elephant Death) हो चुकी है. इसके बाद से जिला वन विभाग से लेकर भोपाल तक हड़कंप मच गया. रविवार देर शाम मिली जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) ने इस मामले पर बड़ी कार्रवाई की है. हाथियों की मौत से संबंधित मामले पर दो अधिकारियों पर गाज गिरी है. फतेहसिंह निनामा, सहायक वन संरक्षक को निलंबित किया गया है.

सीएम डॉ. यादव ने ली विस्तार पूर्वक जानकारी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने आवास पर हुई बैठक में उमरिया से लौटे उच्च स्तरीय दल से हाथियों की मृत्यु के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी ली. वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार और अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल ने उमरिया जिले के दौरे में विभिन्न पहलुओं की जांच और अध्ययन का विवरण दिया. मुख्य सचिव अनुराग जैन बैठक में वर्चुअल शामिल हुए. अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री के सचिव भरत यादव, आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े सहित संबंधित अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे.   

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सूचना मिलने पर भी छुट्टी से नहीं लौटे थे

सक्षम नेतृत्व नहीं देने और सारा काम अधीनस्थों पर छोड़ने का आरोप लगा. वहीं, इस मामले पर गौरव चौधरी, आईएएफस और डायरेक्टर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को भी निलंबित किया गया है. इनपर सूचना मिलने पर भी छुट्टी से नहीं लौटने और मोबाइल बंद रखने का आरोप है.

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पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था

बता दें कि बीते मंगलवार को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितोली रेंज के अंतर्गत सांखनी और बकेली में चार जंगली हाथी मृत पाए गए थे, जबकि बुधवार को चार और गुरुवार को दो की मौत हो गई थी.हाथियों की मौत का इतना बड़ा मामला सामने के बाद भोपाल से दिल्ली तक हड़कंप मच गया था. वहीं,मामले की जांच के लिए मोहन यादव सरकार ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था. 

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सीएम ने हाथियों की मौत पर व्यक्त किया दुख

सीधी, उमरिया जिले व आसपास बड़े पैमाने पर हाथियों के दल की गतिविधियां बढ़ी हैं, ऐसे में अधिकारियों को सजग रहने की जरूरत है. पहले से आ रहे हाथियों के दलों को लेकर लापरवाही बरतने पर फील्ड डायरेक्टर और प्रभारी एससीएफ को सस्पेंड किया गया.

प्रदेश के मुखिया सीएम डॉ. मोहन यादव ने दस हाथियों की मौत की घटना पर दुख व्यक्त किया है. सीएम इस मामले पर X पर लिखते हुए कहा है कि उमरिया जिले के वन क्षेत्र में हाथियों की मृत्यु की घटना दु:खद है, घटना क्षेत्र में वन राज्य मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों की टीम को भेजा गया था, जिनके द्वारा प्रारंभिक रिपोर्ट दी गई है. हाथियों की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आना अभी बाकी है.

'दीर्घकालीन योजना बनाने का निर्णय लिया'

सीएम ने कहा- मध्यप्रदेश में हाथियों के दल के स्थायी प्रबंधन के लिए टास्क फोर्स बनाकर दीर्घकालीन योजना बनाने का निर्णय लिया है, इसमें विशेष प्रबंधन के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिस को शामिल किया जाएगा.बफर एरिया और मैदानी इलाकों की फसलों को सुरक्षित करने के लिए सोलर फेंसिंग कराने के वन विभाग को निर्देश दिए गए हैं.

सीएम बोले- विशेषज्ञों को आमंत्रित करेंगे

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वन क्षेत्र में जो अकेले हाथी घूमते हैं और अपने दल से अलग हो जाते हैं. इनको रेडियो टैगिंग का निर्णय लिया गया है. ट्रेकिंग कर उन पर नजर रखी जा सकेगी. आने वाले समय में ऐसी घटना न हो, भविष्य में इसका ध्यान रखा जा सकेगा.  ऐसे अन्य महत्वपूर्ण उपायों को लागू करने के लिए विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के प्रयास किए जाएंगे. हाथियों का दल स्थाई रूप से मध्यप्रदेश में रहने लगा है अत: आम जन से भी सहयोग की अपेक्षा है. जिन जिलों में हाथियों की बसाहट है, वहां बेहतर प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से जन जागरूकता के प्रयास किए जाएंगे. प्रदेश में टाइगर और अन्य वन्य प्राणी जिस तरह स्थाई निवास करते हैं, अब हाथी भी हमारे वनों का हिस्सा बन गए.

'अधिकारी कर्नाटक, केरल और असम जाकर करेंगे अध्ययन'

इन राज्यों में बड़ी संख्या में हाथी रहते हैं. इन राज्यों में मध्यप्रदेश के अधिकारियों को भेजा जाएगा. हाथियों के साथ बफर एरिया, कोर एरिया में बाकी का जन जीवन प्रभावित न हो, इसका अध्ययन किया जाएगा. हाथियों की सुरक्षा को भी खतरा न हो. इस पर हमने गंभीरता से विचार किया है.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि बांधवगढ़ क्षेत्र एवं अन्य वन क्षेत्रों में हाथियों के रहने की अनुकूल और आकर्षक स्थिति है. वन क्षेत्रों का प्रबंधन उत्तम होने से हाथियों के दल जो छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों से आया करते थे, और वापस चले जाते थे वे अब वापस नहीं जा रहे हैं. यहां बड़े पैमाने पर हाथियों द्वारा डेरा डालने की स्थिति देखी जा रही है.  स्थाई प्रबंधन के लिए शासन के स्तर पर हाथी टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया जा रहा है. हाथियों को अन्य वन्य प्राणियों के साथ किस तरह रहवास की सावधानियां रखना चाहिए, इसके लिए योजना बनाई जा रही है. इसमें कर्नाटक, केरल और असम जैसे राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेस को शामिल किया जाएगा.

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'हाथी मित्रों का बनेगा दल' 

सीएम ने कहा कि ऐसी घटनाओं में जनहानि होने पर प्रदेश सरकार ने 8 लाख रुपये की आर्थिक सहायता बढ़ाकर 25 लाख रुपये देने का निर्णय लिया है. हाथियों के हमले की घटना में हुई दो व्यक्तियों की मृत्यु पर प्रदेश सरकार ने पीड़ित परिवारों को 25-25 लाख रुपये देने का निर्णय लिया है. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए विशेषज्ञों को भी बुलाया जा रहा है. हाथियों का दल अब स्थायी रूप से मध्यप्रदेश में रहने लगा है, प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि इसके लिए जिला प्रशासन के माध्यम से जागरुकता अभियान भी चलाए जाएंगे. 

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