MP News in Hindi : इंदौर में लोकायुक्त पुलिस ने श्रम मंत्रालय के कार्यालय के अधीक्षक को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है. आरोपी विजेंद्र कुमार गुप्ता ने अपने ही दफ्तर के कर्मचारी राजकुमार काले से 36 हजार रुपये के एरियर के बदले 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. दरअसल, राजकुमार काले दफ्तर में मल्टी टास्क कर्मचारी के रूप में काम करते हैं. राजकुमार को 36 हजार रुपये एरियर मिलना था... लेकिन इसके बदले अधीक्षक गुप्ता ने 20 हजार रुपये की मांग की. राजकुमार इस भ्रष्टाचार को सहन नहीं कर पाए और उसने तुरंत इंदौर लोकायुक्त पुलिस को इत्तिला दी.
20 हजार के लालच में बिका इमान
शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने मामले की जांच की. शिकायत सही पाए जाने पर पुलिस ने ट्रैप प्लान तैयार किया. बुधवार को जब विजेंद्र गुप्ता इंदौर दफ्तर पहुंचे और रिश्वत की रकम ली, तो लोकायुक्त की टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया. आरोपी विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (Prevention of Corruption Act 1988) की धारा 7 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है.
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आरोपी से पूछताछ हुई शुरू
विजेंद्र कुमार गुप्ता इंदौर और जबलपुर दोनों जगह के कार्यालयों का जिम्मा संभाल रहे थे. वे बुधवार को इंदौर पहुंचे थे. इंदौर आने पर उन्होंने राजकुमार से रिश्वत की मांग की लेकिन इस बार उनका भ्रष्टाचार ज्यादा देर नहीं टिक सका. पुलिस अब इस मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच कर रही है. फिलहाल, आरोपी अधीक्षक से पूछताछ जारी है. लोकायुक्त टीम ये भी जांच कर रही है कि क्या उसने पहले भी ऐसे किसी मामले में रिश्वत ली है. लोकायुक्त की टीम का कहना है कि आरोपी से पूछताछ के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी. साथ ही भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.
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