Gita Mahotsav: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan) ने गीता जयंती (Gita Jayanti 2024) के अवसर पर सस्वर गीता पाठ का विश्व रिकार्ड (World Record) बनाने वाले आचार्यों तथा बटुकों का भी अभिवादन करते हुए कहा कि यह सुखद संयोग है कि गीता जयंती के अवसर पर प्रदेश में जनकल्याण पर्व और मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान का शुभारंभ हो रहा है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गीता महोत्सव के उपलक्ष में हजारों आचार्यों द्वारा एक साथ गीता के श्लोकों का वाचन करने का "गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स" का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया. लगभग 7 हजार से अधिक व्यक्तियों द्वारा सस्वर गीता पाठ किया गया, जिसमें 3 हजार 721 आचार्य तथा बटुक शामिल थे.
जन कल्याण अभियान और पर्व शुरू
ग्यारह से 26 दिसंबर तक चलने वाले जनकल्याण पर्व में कई विकास कार्यों के भूमि-पूजन और लोकार्पण होंगे. मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान में आज से 26 जनवरी 2025 तक गरीब, युवा, किसान और महिलाओं को समृद्धि के नए अवसर उपलब्ध कराते हुए 34 हितग्राही मूलक योजनाओं, 11 लक्ष्य आधारित योजनाओं और 63 सेवाओं का लाभ उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से घर-घर सर्वे किया जाएगा.
अभियान से प्रत्येक पात्र व्यक्ति को जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा. जनकल्याण पर्व के शुभांरभ पर प्रदेश की एक करोड़ 28 लाख लाड़ली बहनों के खातों में 1 हजार 572 करोड़ रूपए की राशि तथा गैस सिलेंडर रिफीलिंग की लगभग 350 करोड़ रूपए की राशि बहनों के खातों में अंतरित की गई. सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में भी 55 लाख हितग्राहियों के खातों में 334.38 करोड़ की राशि भी सिंगल क्लिक से खातों में अंतरित की गई. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनकल्याण पर्व और अभियान की शुभकामनाओं के साथ राशि अंतरण की बहनों को बधाई दी.
गूगल पर सबसे अधिक सर्च किए जाने वाला ग्रंथ है श्रीमद्भगवद् गीता
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता से जीवन सूत्र और मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए सभी देशों के लोग लालायित हैं. गूगल सर्च ईंजन बताता है कि विश्व में सर्वाधिक जिज्ञासा श्रीमद्भगवद् गीता के संबंध में ही है. विश्व के सभी धार्मिक ग्रंथों में गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जो कर्म पथ, भक्ति मार्ग और शांति का संदेश देती है. सनातन संस्कृति और श्रीमद्भगवद्गीता जीवन की ऊथल-पुथल में शांति का मार्ग प्रशस्त करते हैं. "धर्म की जय हो - अधर्म का नाश हो - प्राणियों में सद्भाव हो और विश्व का कल्याण हो" के वाक्य हमारी संस्कृति के मूल भाव को अभिव्यक्त करते हैं. सनातन संस्कृति में धर्म आधारित जीवन शैली और परस्पर संबंधों की कल्पना है और हम हमारी संस्कृति इसे चरितार्थ करने पर आधारित है. सनातन जीवन संस्कृति में आचार संहिता का पालन जरूरी है.
घर और कार्यस्थल में रखें श्रीमद्भगवद् गीता
संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भावसिंह लोधी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ यादव के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण के जीवन मूल्य और शिक्षा श्रीमद्भगवद् गीता के माध्यम से जन जन तक पहुंच रही है. श्रीमद्भगवद् गीता जीवन में ज्ञान के प्रकाश का माध्यम है. सिर्फ भारत देश को ही नहीं अपितु पूरे विश्व को श्रीमद्भगवद् गीता प्रेरणा और दिशा देती है. उन्होंने कहा कि गीता जीवन में संघर्षों का सामना करने की शिक्षा और सामर्थ्य प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि इस तरह की शिक्षाएं भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मग्रंथ गीता के माध्यम से दी है. उन्होंने सभी से अपने घर और कार्यस्थल में श्रीमद्भगवद् गीता को रखने और नियमित पाठ करने का संकल्प लेने का आग्रह किया.
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