Union Cabinet : केंद्र ने दिया MP को तोहफा, यहां तीसरी और चौथी रेल लाइन को मिली मंजूरी

Indian Railways : मध्य प्रदेश को रेल यात्रा को लेकर खुशखबरी मिली है. केंद्र सरकार ने सोमवार को तोहफा दिया है. एमपी में यहां तीसरी और चौथी रेल लाइन को मंजूरी मिल गई है. जानें ताजा अपडेट.

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Union Cabinet : केंद्र सरकार ने दिया MP को तोहफा, यहां तीसरी और चौथी रेल लाइन को मिली मंजूरी.

MP Bhusaval Khandwa Rail Line : केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को बड़ी सौगात दी है. इस तोहफे से एमपी में सुगम रेल यातायात बनेगा. साथ ही रेल यात्रियों को राहत मिलेगी. केंद्रीय कैबिनेट ने भुसावल-खंडवा के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन को मंजूरी (131 किमी) दी. नई रेल लाइन से समृद्धि के द्वार खुलेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने सोमवार को रेल मंत्रालय की तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी कुल लागत लगभग 7,927 करोड़ रुपये है.

ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हो पाई हैं. ये परियोजनाएं लोगों और वस्तुओं व आवाजाही के लिए निर्बाध परिवहन सुविधा प्रदान करेंगी.

तीन राज्यों यानि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सात जिलों को शामिल करने वाली ये तीन परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 639 किलोमीटर तक का विस्तार करेंगी. प्रस्तावित मल्टी-ट्रैक परियोजनाएं, दो आकांक्षी जिलों (खंडवा और चित्रकूट) से परिवहन-संपर्क बढ़ाएंगी और लगभग 1,319 गांवों तथा लगभग 38 लाख आबादी को सुविधा प्रदान करेंगी.

ये परियोजनाएं हैं

जलगांव-मनमाड चौथी लाइन (160 किमी)
भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी लाइन (131 किमी)
प्रयागराज (इरादतगंज)-मानिकपुर तीसरी लाइन (84 किमी)
प्रस्तावित मल्टी-ट्रैक परियोजनाओं से परिचालन आसान होगा और भीड़भाड़ कम होगी, जिससे मुंबई और प्रयागराज के बीच सबसे व्यस्ततम खंडों पर आवश्यक अवसंरचना का विकास होगा.

तीर्थयात्रियों को मिलेगा लाभ

प्रस्तावित परियोजनाएं अतिरिक्त यात्री ट्रेनों के संचालन को सक्षम करके मुंबई-प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर परिवहन सुविधा बढ़ाएंगी, जिससे नासिक (त्र्यंबकेश्वर), खंडवा (ओंकारेश्वर) और वाराणसी (काशी विश्वनाथ) स्थित ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ प्रयागराज, चित्रकूट, गया और शिरडी जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को लाभ होगा.

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पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

इसके अतिरिक्त, परियोजनाएं खजुराहो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, अजंता और एलोरा गुफाएं यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, देवगिरी किला, असीरगढ़ किला, रीवा किला, यावल वन्यजीव अभयारण्य, केओटी जलप्रपात और पुरवा जलप्रपात जैसे विभिन्न आकर्षणों तक बेहतर पहुंच के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देंगी.

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हो सकेगी अतिरिक्त माल ढुलाई 

ये कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, इस्पात, सीमेंट, कंटेनर जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं. क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 51 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी. रेलवे पर्यावरण-अनुकूल और ऊर्जा-कुशल परिवहन का साधन है, जिससे जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने, देश की लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने, तथा कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन (271 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद मिलेगी, जो 11 करोड़ पेड़ लगाने से पर्यावरण को होने वाले लाभ के बराबर है.

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