General Upendra Dwivedi बने भारतीय सेना के नए प्रमुख, जानिए- रीवा से क्या है इनका नाता?

Indian Army News: नए सेनाध्यक्ष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, बिग डेटा एनालिटिक्स, क्वांटम जैसी आधुनिकतम तकनीक के इस्तेमाल की दिशा में भी काम करते रहे हैं. इसके अलावा उन्हें यूएसएडब्ल्यूसी, कार्लिस्ले, अमेरिका में प्रतिष्ठित एनडीसी समकक्ष कोर्स में 'विशिष्ट फेलो' से सम्मानित किया जा चुका है. जनरल द्विवेदी ने रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम फिल और सामरिक अध्ययन एवं सैन्य विज्ञान में दो स्नातकोत्तर डिग्रियां प्राप्त की हैं.

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New Army Chief: जनरल उपेंद्र द्विवेदी (General Upendra Dwivedi) ने रविवार को नए सेना प्रमुख (New Army Chief of India) का पदभार ग्रहण कर लिया. वह भारतीय सेना (Indian Army) के 30वें सेना प्रमुख (Indian Army Chief) बने हैं. उनके पास देश-विदेश में महत्वपूर्ण तैनातियों के साथ-साथ चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) से लगी भारतीय सीमाओं की गहन जानकारी और अनुभव है. जनरल द्विवेदी, टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर भी अग्रणी रहे हैं. उन्होंने सेना की नॉर्दर्न कमांड में तकनीक को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

आधुनिकतम तकनीक में हैं माहिर

नए सेनाध्यक्ष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, बिग डेटा एनालिटिक्स, क्वांटम जैसी आधुनिकतम तकनीक के इस्तेमाल की दिशा में भी काम करते रहे हैं. इसके अलावा उन्हें यूएसएडब्ल्यूसी, कार्लिस्ले, अमेरिका में प्रतिष्ठित एनडीसी समकक्ष कोर्स में 'विशिष्ट फेलो' से सम्मानित किया जा चुका है. जनरल द्विवेदी ने रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम फिल और सामरिक अध्ययन एवं सैन्य विज्ञान में दो स्नातकोत्तर डिग्रियां प्राप्त की हैं.

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मिल चुके हैं ये सम्मान

उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम), अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति पत्र से भी सम्मानित किया गया है. सेनाध्यक्ष के रूप में जनरल द्विवेदी की नियुक्ति को सरकार ने 11 जून को मंजूरी दी थी. उन्होंने रविवार यहां जनरल मनोज पांडे से कार्यभार लिया है, जोकि आज सेवानिवृत्त हो गए हैं.

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40 वर्षों की अपनी लंबी अवधि में इन पदों पर रहे तैनात

सन् 1964 में 01 जुलाई को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री (जम्मू-कश्मीर राइफल्स) में कमीशन मिला था. लगभग 40 वर्षों की अपनी लंबी और प्रतिष्ठित सेवा के दौरान, वह विभिन्न कमानों, स्टाफ, प्रशिक्षण संबंधी और विदेशी नियुक्तियों में कार्यरत रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी की कमांड नियुक्तियों में रेजिमेंट (18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स), ब्रिगेड (26 सेक्टर असम राइफल्स), महानिरीक्षक, असम राइफल्स (पूर्व) और 9 कोर की कमान शामिल हैं. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने सेना उपप्रमुख के रूप में नियुक्ति से पूर्व 2022-24 तक महानिदेशक इन्फैंट्री और जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (मुख्यालय उत्तरी कमान) सहित महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया था. सैनिक स्कूल रीवा, नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज के पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने डीएसएससी वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू में भी अध्ययन किया है.

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लगभग दो साल सेना प्रमुख रहे जनरल मनोज पांडे

आज रिटायर्ड हो रहे जनरल मनोज पांडे को 30 अप्रैल 2022 को सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. उन्हें दिसंबर 1982 में इंजीनियरों की कोर (बॉम्बे सैपर्स) में कमीशन दिया गया था. सीओएएस के रूप में कार्यभार संभालने से पहले वह थल सेना के उपप्रमुख के रूप में नियुक्त हुए थे. जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल 31 मई 2024 को समाप्त हो रहा था. हालांकि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 26 मई 2024 को उन्हें एक और महीने का सेवा विस्तार देने की मंजूरी दी थी.

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क्लासमेट एडमिरल दिनेश त्रिपाठी व उपेंद्र द्विवेदी

इसके साथ ही भारतीय सेना में पहली बार एक साथ पढ़ चुके दो अधिकारी सेना की दो अलग-अलग शाखाओं का नेतृत्व कर रहे हैं. दरअसल लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी क्लासमेट रह चुके हैं. दोनों 1970 के दशक की शुरुआत में 5वीं कक्षा में एक साथ पढ़े थे. तब जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 और नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी का रोल नंबर 938 था.

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