Gandhi Jayanti 2024: स्वच्छता अभियान के समापन से पहले, CM मोहन ने बताया MP में हुए इतने काम

Swachhata Hi Seva: मध्य प्रदेश स्वच्छता के क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान गढ़ रहा है. इंदौर लगातार देश का सबसे साफ शहर बना हुआ है. वहीं राजधानी भोपाल ने सफाई में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. प्रदेश में स्वच्छता और सफाई को आदत बना लिया गया है. ये सब जन सहयाेग से संभव हो पाया है. आइए जानते हैं गांधी जयंती के दिन समाप्त हो रहे स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े के दौरान प्रदेश में क्या कुछ हुआ?

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Swachhata Hi Seva 2024: स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) की 10वीं वर्षगांठ के मौके पर इस साल मध्य प्रदेश में “स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता'' थीम पर स्वच्छता अभियान (Swachhata Hi Seva Abhiyan) 17 सितम्बर से शुरू हुआ था. मध्य प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा कि मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) को सवच्छ बनाने के लिए स्वच्छता पखवाड़े में जन भागीदारी के साथ चलाई गई विभिन्न गतिविधियों से बेहतर परिणाम प्राप्त हुए है. इसके परिणाम भविष्य में होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 में भी दिखेंगे. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिन 17 सितम्बर से शुरू हुए स्वच्छता पखवाड़े में पूरे प्रदेश में स्वच्छता के प्रति आम नागरिकों ने जो सहभागिता की, वह जन-आंदोलन बन गय. इस अभियान का समापन गांधी जयंती (Gandhi Jayanti 2024) 2 अक्टूबर को होगा, जिसमें स्वच्छता संबंधी 685 करोड़ रूपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास किया जाएगा.

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इस अभियान में प्रदेश के 413 नगरीय निकायों में करीब 42 हजार 500 से अधिक गतिविधियां आयोजित की गईं. इनमें 34 हजार 22 स्वच्छता में जन-भागीदारी, स्वच्छता अभियान की 2355 और 7 हजार 990 सफाई मित्र सुरक्षा शिविर प्रमुख रूप से शामिल हैं. इसके साथ ही प्रदेश में 8 हजार स्वास्थ्य शिविरों में 2 लाख 8 हजार 444 सफाई मित्रों और उनके परिजनों की स्वास्थ्य जांच की गई. प्रदेश में 968 ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर उनके सुधार और सौंदर्यीकरण का कार्य किया गया.

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स्कूलों में ये सब हुआ

स्वच्छता ही सेवा अभियान में स्कूल शिक्षा विभाग और नगरीय प्रशासन विभाग ने मिलकर शालाओं में संवाद कार्यशालाओं (वर्कशॉप) का आयोजन किया. इनमें 2 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं से संवाद कर उन्हें स्वच्छता के महत्व के बारे में जानकारी दी गई. इसके साथ ही सार्वजनिक रूप से सफाई मित्रों को सम्मानित किया गया. प्रदेश की 850 शालाओं में एक लाख 2 हजार 200 से अधिक विद्यार्थियों ने मानव श्रृंखला का निर्माण कर जन-सामान्य को स्वच्छता का संदेश दिया. प्रदेश के नगरीय निकायों में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से 2333 बड़े स्तर पर स्वच्छता अभियान संचालित किये गये, जिसमें लाखों नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संगठनों के सदस्यों की भागीदारी रही. सार्वजनिक कार्यक्रम के जरिये शामिल सदस्यों को शहरों को साफ रखने की शपथ दिलाई गई.

ये काम भी हुए

प्रदेश में नगरीय निकायों में लगभग 8 हजार स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से 2 लाख 8 हजार 444 सफाई मित्र और उनके परिजनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. इसके अलावा इन कार्यक्रमों में शासकीय योजनाओं का हित-लाभ दिलाने के लिये विशेष शिविर भी लगाये गये। नगरीय निकायों में 968 ब्लैक स्पॉट को उपचारित किया गया.

स्वच्छता ही सेवा अभियान के दौरान संग्रहित होने वाले कचरे के पृथक्कीकरण के बारे में नागरिकों को समझाइश दी गई. छात्रों एवं युवाओं को प्र-संस्करण इकाइयों का भ्रमण कराया गया. उन्हें कचरे के सुरक्षित निपटान की जानकारी दी गई.

इस वर्ष का स्वच्छता अभियान का मुख्य विषय “स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता'' रखा गया था. इस अभियान के दौरान बच्चों को शुरू से ही स्वच्छता की आदत डालने के बारे में बताया गया. बच्चों के पालकों को अपने व्यवहार में स्वच्छता को अपनाने  के बारे में बताया गया. शहरी क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, अमृत महोत्सव, कचरा मुक्ति जैसे विषयों पर नुक्कड़ नाटक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से नागरिकों को जागरुक किया गया.

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