Nursing Students News: मध्यप्रदेश में नर्सिंग के छात्रों की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं.एक तरफ जहां सालों से कोर्स खत्म नहीं हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर 70 हज़ार SC,ST और OBC के स्टूडेंट्स को चार साल से स्कॉलरशिप भी नहीं मिली .हालात ये हैं कि इन स्टूडेंट्स को कर्ज लेकर फीस भरना पड़ रहा है.NDTV ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में पीड़ित छात्रों का दर्द तो जाना ही साथ ही साथ सरकार से भी सवाल पूछे. मध्यप्रदेश में नर्सिंग और पैरामेडिकल के एससी ,एसटी और ओबीसी छात्रों को सरकार की ओर से छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है...लेकिन पिछले चार सालों से प्रदेश के 70 हज़ार से भी ज़्यादा नर्सिंग के छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली.
अब सबसे पहले बात स्टूडेंट्स की... रीवा की रहने वाली रिशु सिंह 2021 में BSC नर्सिंग की पढ़ाई करने भोपाल आईं. उनका कोर्स 2025 तक पूरा हो जाना था लेकिन अभी सेकेंड ईयर की परीक्षा भी नहीं हुई है. उनके दर्द का अंत यहीं नहीं है. उन्हें चार साल से छात्रवृत्ति भी नहीं मिली है . ऐसे में हर साल 36000 घर का किराया और 75 हज़ार कॉलेज की फीस देना मुश्किल हो रहा है. जब हमने बात की तो फूट पड़ीं. उनका कहना है- स्कॉलरशिप नहीं आ रही है, जिससे बहुत समस्या हो रही है हम पार्ट टाइम जॉब ढूंढ रहे हैं. हालांकि दोनों चीजें एक साथ एडजस्ट करने में समस्या आ रही है. मेरा सिर्फ एक साल बचा है लेकिन पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई और कॉलेज फीस भरने को कहता है वो अलग तरह का दबाव है. इसी तरह भोपाल के बैरसिया में रहने वाले राजू जाटव भी कर्ज लेकर फीस भर रहे हैं. उन्हें उम्मीद थी कि छात्रवृत्ति मिलेगी लेकिन नहीं मिली.
रिशु सिंह
राजू जाटव
स्कॉलरशिप न मिलने से नाराज छात्रों ने भोपाल में बीते दिन प्रदर्शन भी किया, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है. NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार कहते हैं कि हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि वो रुकी हुई परीक्षाएं कराये और तत्काल छात्रवृत्ति दी जाए जिससे ये छात्र अपनी पढ़ाई जारी रख सकें. बता दें कि नर्सिंग फर्जीवाड़े की जांच के दौरान छात्रों की परीक्षाओं और रिजल्ट पर रोक ज़रूर लगी थी लेकिन कोर्ट ने महीनों पहले छात्रों को राहत देते हुए रोक हटा दी थी. इसके बाद परीक्षा कैलेंडर तो जारी हुआ लेकिन परीक्षाएं अभी भी समय पर आयोजित नहीं हो रही हैं.
दरअसल जिन छात्रों ने नर्सिंग के कोर्सेज में एडमिशन लिया उन्हें उम्मीद थी कि अगले चार साल में वह या तो मेडिकल ऑफिसर बन जायेंगे या अन्य पदों पर पदस्थ हो जाएंगे लेकिन चार सालों में न कोर्स पूरा हुआ छात्रवृत्ति मिली. हज़ारों छात्र परेशान हैं हालांकि उम्मीद अभी भी है कि सरकार इन लोगों की ओर ध्यान देगी.
राज्य में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने NDTV से कहा कि पूरे नर्सिंग कोर्स में ही घोटाला है तो छात्र प्रभावित होंगे ही.मुझे नहीं लगता कि हाईकोर्ट ने छात्रवृत्ति रोकने के लिए कहा है. इनकी छात्रवृत्ति सरकार रोक रही है लेकिन क्यों रोक रही है ये पता नहीं.सरकार को समझना चाहिए कि गरीब परिवार के लोग कर्ज लेकर बच्चों को पढ़ाते हैं.उनके दर्द को समझना जरूरी है.
वहीं प्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल से जब NDTV ने सवाल किया तो उन्होंने कहा- मामला बीच में हाईकोर्ट में विचाराधीन था, सीबीआई की जांच भी चल रही थी जिसके कारण कुछ देरी हुई है. सरकार की कोशिश है कि बच्चों की परीक्षाओं में भी कोई व्यवधान न हो और उनको स्कॉलरशिप भी समय पर मिले. इसकी प्रक्रिया चालू है. मुझे उम्मीद है कि 10 से 15 दिन में प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और बच्चों के स्कॉलरशिप मिलेगी.
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