ग्वालियर में फर्जीवाड़ा...दिव्यांगता के नकली कागज लगाकर 66 लोगों ने ली टीचर की नौकरी

ग्वालियर जिले से बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जिले में शिक्षक भर्ती मामले में दिव्यांग कोटे से हुई भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. खबर है कि 66 शिक्षकों ने फर्जी कागज के तहत दिव्यांग कोटे में टीचर की नौकरी हासिल की है. जब मामले की जांच हुई तब जाकर इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.

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(बाईट- राजेश सिंह चंदेल, SP ग्वालियर)

ग्वालियर जिले से बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जिले में शिक्षक भर्ती मामले में दिव्यांग कोटे से हुई भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. खबर है कि 66 शिक्षकों ने फर्जी कागज के तहत दिव्यांग कोटे में टीचर की नौकरी हासिल की है. इन 66 शिक्षकों के दिव्यांग प्रमाण पत्र फर्जी मिलने की खबर है. जब मामले की जांच हुई तब जाकर इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. जिसके बाद इन सबके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. खबर है कि इन सभी शिक्षकों को तीन-चार महीने पहले ही जॉइनिंग मिली है. साल 2018 में हुई परीक्षा के बाद जिले में शिक्षकों को नियुक्ति मिली थी. जिसके बाद अब इन 184 शिक्षकों में से 66 शिक्षक प्रमाण पत्र में फर्जी पाए गए हैं. 

जानिए क्या है पूरा मामला

मालूम हो कि राज्य में साल 2018 में शासन ने शिक्षक भर्ती निकली थी. इसमें दिव्यांग कोटे का फायदा लेकर काफी संख्या में दिव्यांग चयनित हुए थे. इसको लेकर शिकायत हुई तो मामले की जांच शुरू हुई. इसमें ग्वालियर चंबल अंचल के मुरैना में एक दो फर्जी दिव्यंगता प्रमाण पत्र के मामले सामने आए थे. इसके बाद लोक शिक्षण संचानालय (Directorate of Public Education) ने प्रमाण पत्र की जांच कराने का फैसला लिया था. जिसके बाद ग्वालियर चंबल अंचल के करीब 184 दिव्यांग पत्रों की जानकारी ग्वालियर भेजी गई थी. इनमें से ग्वालियर के 84 और 99 प्रमाण पत्र अंचल के थे. 

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जांच में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा 

मामला संज्ञान में आते ही शिक्षा विभाग ने इन प्रमाण पत्र की जांच के लिए ग्वालियर कलेक्टर को आदेश दिए. जिसके बाद जब मामले की तहकीकात की गई. जिसके बाद खुलासा हुआ कि स्वास्थ्य विभाग ने जो रिपोर्ट दी थी उसमें 66 प्रमाण पत्र का कोई रिकॉर्ड नहीं है. इन पर जो साइन और सील लगे हुए हैं उनका भी मिलान नहीं हो रहा है. बताया जा रहा है कि विभागीय जांच के बाद शिक्षा विभाग से एक लिखित आवेदन ग्वालियर के थाना में दिया. जिसके बाद उस पर जांच करने के बाद 66 शिक्षकों का फर्जी प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है. 

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पुलिस कर रही मामले की जांच 

इस मामले में पुलिस ने शिक्षकों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है. एसपी राजेश सिंह चन्देल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की जांच में यह सामने आया है कि प्रमाण पत्र पर लगी सील और हस्ताक्षर का मिलान नहीं हो रहा है. वहीं इन 66 शिक्षकों में से पचास फीसदी से भी ज्यादा बहरापन होने का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाकर बैठे थे. एसपी राजेश सिंह चंदेल का कहना है कि शिक्षा विभाग की रिपोर्ट पर पुलिस ने FIR दर्ज कर लिया है. उन्होंने कहा कि आरोपियों से पूछताछ कर आगे की तहकीकात की जाएगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. 

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