खूनी संघर्ष में बदली चुनावी रंजिश, चक रामपुर हत्याकांड में हुई चौथी मौत

विधानसभा चुनाव के दिन शिवपुरी जिले के चकरमपुर गांव में हुए हत्याकांड में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. परिवार के तीन सदस्यों को खोने के बाद भदौरिया परिवार ने अपने मुखिया को भी खो दिया है.

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खूनी संघर्ष में बदली चुनावी रंजिश, चक रामपुर हत्याकांड में हुई चौथी मौत
चक रामपुर हत्याकांड में घायल मुन्ना भदौरिया की भी मौत गुरुवार को हो गई.

Chakrampur Massacre: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के दिन शिवपुरी जिले (Shivpuri) के चक रामपुर गांव में हुए हत्याकांड में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. परिवार के तीन सदस्यों को खोने के बाद भदौरिया परिवार ने अपने मुखिया को भी खो दिया है. बता दें कि मध्य प्रदेश में चुनाव के दिन चुनावी रंजिश (Election rivalry) के चलते नरवर थाना क्षेत्र के चक रामपुर गांव में हत्याकांड हुआ था. जिसमें कुशवाहा परिवार के लोगों ने भदौरिया परिवार के लोगों को निशाना बनाया था. इस हत्याकांड में भदौरिया परिवार के तीन लोगों की मौत पहले ही हो चुकी है, जबकि परिवार के मुखिया मुन्ना भदौरिया ने भी गुरुवार को ग्वालियर के अस्पताल (Gwalior Hospital) में दम तोड़ दिया.

खूनी संघर्ष में अब तक चार की मौत

दरअसल, चक रामपुर में 17 नवंबर को मतदान के बाद खूनी संघर्ष हुआ था. जिसमें भदौरिया परिवार के सदस्यों पर कुशवाहा परिवार के लोगों ने चुनावी रंजिश के चलते हमला बोला था. इस दौरान कुशवाहा परिवार के लोगों ने गाड़ी में आग लगाकर भदौरिया परिवार के लोगों को जिंदा जलाने की कोशिश की. जिसमें एक व्यक्ति की जिंदा जलने से मौत हो गई थी. जबकि बाकी लोगों को गोलियों से भून डाला गया. जिसमें घायल मुन्ना भदौरिया की भी मौत गुरुवार को हो गई. मुन्ना भदौरिया की पत्नी आशा, भाई लक्ष्मण और भतीजे हिमांशु की मौत पहले ही हो चुकी है, जबकि मुन्ना भदौरिया के दोनों बेटे और एक भतीजा अस्पताल में अभी भी जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहे हैं.

गणेश विसर्जन से शुरू हुआ विवाद

बताया जा रहा कि दोनों परिवारों के बीच गणेश विसर्जन के मौके पर डीजे बजाने को लेकर विवाद हुआ था. इसके बाद चुनाव के दौरान कुशवाहा परिवार कांग्रेस का समर्थक था जबकि भदौरिया परिवार बीजेपी का. चुनाव के दिन मुन्ना भदौरिया का बेटा राजेंद्र भदौरिया बीजेपी का पोलिंग एजेंट था. इस दौरान वोट डालने आए दो लोगों को इसने रोका और गलत वोट होने का दावा किया. यहीं से विवाद शुरू हुआ और हत्याकांड में बदल गया.

मतदान खत्म होने के बाद कुशवाहा परिवार के करीब 200 लोगों ने एक साथ 17 नवंबर की रात भदौरिया परिवार पर हमला बोल दिया और गाड़ी में आग लगा दी. जिसमें एक व्यक्ति की जिंदा जलने से मौत हो गई, जबकि बाकी लोगों को गोली से भून डाला गया. जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान एक के बाद एक 4 घायलों की मौत हो गई. जबकि 3 लोग अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं.

इलाके में तनाव की स्थिति

इस हत्याकांड में हुई चौथी मौत के बाद पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है. पुलिस लगातार इलाके पर निगरानी बनाए हुए है. इस हत्याकांड के बाद भदौरिया और कुशवाहा समाज भी आमने-सामने की स्थिति में आ गया है. यही कारण है कि पुलिस  कड़ी सुरक्षा के इंतजाम करने में जुटी है.

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