Chhatarpur News: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है. यहां एक सहकारी समिति के पूर्व प्रबंधक पर आरोप लगा है कि उसने मुख्यमंत्री ब्याज माफी योजना 2023 की 292.54 लाख रुपये की राशि का दुरुपयोग किया है.
जानकारी के मुताबिक, बड़ामलहरा के डिकोली सेवा सहकारी समिति के पूर्व प्रबंधक और वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष विद्या देवी अग्निहोत्री के पति हरिओम अग्निहोत्री पर 2 करोड़ 92 लाख रुपये के गबन का गंभीर आरोप सिद्ध हुआ है. मध्य प्रदेश शासन के सहकारिता विभाग ने 567 किसानों की मुख्यमंत्री ब्याज माफी योजना 2023 की 292.54 लाख रुपये की राशि के दुरुपयोग की पुष्टि की है. संयुक्त आयुक्त, सहकारिता संभाग सागर की जांच में घोटाला सामने आने के बाद सहकारिता विभाग ने छतरपुर कलेक्टर को गबन की राशि वसूलने और दोषी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. अब जिला प्रशासन पर नजर है कि वह इस राशि की वसूली और हरिओम अग्निहोत्री के खिलाफ प्राथमिकी कब दर्ज करवाता है.
जांच में खुली पोल
मध्य प्रदेश शासन के सहकारिता विभाग, भोपाल के अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल ने 15 मई 2025 को पत्र क्रमांक 16/1/14/005/2025/ई519772 जारी कर छतरपुर कलेक्टर को सूचित किया कि डिकोली सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक हरिओम अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री ब्याज माफी योजना 2023 के तहत 567 किसानों की 292.54 लाख रुपये की राशि का गबन किया. संयुक्त आयुक्त, सहकारिता संभाग सागर की जांच में पाया गया कि यह राशि अपात्र व्यक्तियों को दी गई, जिसमें हरिओम ने अपने चहेतों और परिजनों को लाभ पहुंचाया.
पत्र में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि गबन की राशि हरिओम अग्निहोत्री से वसूल कर शासकीय खाते में जमा की जाए. जांच दल ने दस्तावेजों की सूक्ष्म जांच में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और नियमों की अनदेखी की पुष्टि की है. आरोप है कि परिवार के नाम पर हड़पी मोटी राशि हरिओम अग्निहोत्री ने डिकोली समिति के प्रबंधक के रूप में नियमों को ताक पर रखकर अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर लाखों रुपये के किसान क्रेडिट कार्ड बनवाए और राशि निकाल ली.
ऐसे किया बड़ा घोटाला
शासकीय नियमों के अनुसार, एक वित्तीय वर्ष में किसी किसान को अधिकतम 1.5 लाख रुपये का किसान क्रेडिट कार्ड ऋण दिया जा सकता है, लेकिन हरिओम ने अपनी पत्नी विद्या देवी अग्निहोत्री (वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष) के किसान क्रेडिट कार्ड खाता क्रमांक 152001483934 और समिति खाता क्रमांक 152002401529 से 2017 में अलग-अलग तारीखों (29 जुलाई, 30 जुलाई, 4 अगस्त) में 9 लाख रुपये और 12 सितंबर को 6 लाख रुपये, कुल 15 लाख रुपये निकाले. यह राशि पात्रता से 10 गुना अधिक थी और इसे जमा नहीं किया गया. इसी तरह, उनके बेटे रविकांत अग्निहोत्री के खाता क्रमांक 152001483741 में 18 लाख रुपये, भाई ओम अग्निहोत्री के खाता क्रमांक 152001483810 में 15 लाख रुपये, बहू ममता देवी अग्निहोत्री के खाता क्रमांक 152001467605 में 12 लाख रुपये और परिजन मन्नूलाल अग्निहोत्री के खाता क्रमांक 152001482748 में 15 लाख रुपये निकालकर गबन किया गया. इस तरह, परिवार के पांच सदस्यों के नाम पर एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि हड़पी गई.
अपात्र व्यक्तियों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ हरिओम अग्निहोत्री ने भ्रष्टाचार की हदें पार करते हुए उन लोगों के नाम किसान क्रेडिट कार्ड बनवाए, जिनका डिकोली समिति से कोई संबंध नहीं था. उदाहरण के तौर पर, चंदला निवासी प्रियंका अग्रवाल के किसान क्रेडिट कार्ड खाता क्रमांक 152002636028 में 17 जुलाई और 7 नवंबर 2017 को 6 लाख रुपये निकाल लिए गए, जबकि उनका डिकोली सेवा सहकारी समिति के साथ कोई लेना-देना नहीं था. सहकारी समितियों के नियमों के अनुसार, केवल समिति के अंतर्गत आने वाले गांवों के किसानों को ही किसान क्रेडिट कार्ड, खाद और बीज का लाभ मिल सकता है, जिनके पास उक्त क्षेत्र में कृषि भूमि हो.
नियम-कानून की अनदेखी और भ्रष्टाचार
जांच में सामने आया कि हरिओम अग्निहोत्री ने डिकोली समिति के प्रबंधक के रूप में नियम-कानून को पूरी तरह दरकिनार किया. सामान्य किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए महीनों दस्तावेज जुटाने पड़ते हैं और उन्हें तय सीमा से कम राशि मिलती है, लेकिन हरिओम ने अपने परिवार और चहेतों के लिए निर्धारित सीमा से कई गुना अधिक राशि के किसान क्रेडिट कार्ड बनवाए. यह राशि न केवल निकाली गई, बल्कि जमा भी नहीं की गई, जिससे समिति और शासन को भारी वित्तीय नुकसान हुआ. मुख्यमंत्री ब्याज माफी योजना, जो किसानों की आर्थिक मदद के लिए शुरू की गई थी, का दुरुपयोग कर हरिओम ने सैकड़ों पात्र किसानों को उनके हक से वंचित किया.
जिला प्रशासन पर टिकी नजरें
सहकारिता विभाग के निर्देश के बाद अब गबन की राशि वसूलने और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी छतरपुर जिला प्रशासन पर है. स्थानीय लोग और किसान इस मामले को लेकर आक्रोशित हैं और मांग कर रहे हैं कि हरिओम अग्निहोत्री के खिलाफ जल्द से जल्ड प्राथमिकी दर्ज की जाए और गबन की पूरी राशि शासकीय खाते में जमा कराई जाए. अब जिला कलेक्टर की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं कि क्या दोषी को सजा मिलेगी और किसानों का हक उन्हें वापस मिल पाएगा.
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