Dog Bite: एमपी में नहीं थम रहा कुत्तों का आतंक, प्रशासन की सुस्ती से तंग आकर लोगों ने शुरू की ये मुहिम

MP Dog Bite Case: डॉग बाइट के मामले हर दिन के साथ बढ़ते जा रहे हैं, इन मामलों को देखते हुए लोगों के अंदर डर है. सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग आवारा कुत्तों का शिकार हो रहे हैं. पीड़ितों की मदद के साथ नीमच में डॉग बाइट की समस्या को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर विरोध शुरू कर दिया...

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Dog Bite Case In Neemuch : मध्य प्रदेश के नीमच शहर में भी डॉग बाइट के मामले बड़ी संख्या में आते रहे हैं. नीमच जिला चिकित्सालय में एक अनुमान के मुताबिक महीने भर में सैकड़ों की संख्या में डॉग बाइट के शिकार लोग इलाज कराने पहुंचते हैं.डॉग बाइट की घटनाओं से शहर के लोग दहशत में है, बच्चों और बुजुर्गों का अकेले बाहर जाना परिजनों को खतरे से खाली नहीं लगता.

मुहिम से जुड़े एक हजार लोग

शहर में व्याप्त कुत्तों के आतंक से परेशान शहर के बुद्धिजीवी लोगों ने एक मुहिम के रूप में व्हाट्सएप ग्रुप की करीब एक माह पहले शुरुआत की थी. ग्रुप को नाम दिया गया "कुत्तों के आतंक से पीड़ित नीमचवासी" इस ग्रुप में धीरे-धीरे करते हुए करीब 1000 लोग अब तक जुड़ चुके हैं.

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हर तरह से मदद को तैयार है ये ग्रुप

इस ग्रुप की खास बातें ये है कि इसमें सभी राजनीतिक दल, हर वर्ग के लोग भी जुड़े हुए हैं. व्हाट्सएप ग्रुप निर्माण का मुख्य उद्देश्य डॉग बाइट की घटनाओं को रोकने के लिए शासन प्रशासन को जगाना है. व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्य डॉग बाइट के शिकार लोगों की हर तरह से मदद को तैयार रहते है. साथ ही समय-समय पर शासन प्रशासन को धरना, प्रदर्शन और ज्ञापन के माध्यम से जगाने का प्रयास करते हैं.

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टेंडर भरने वाला नहीं मिल रहा है

लोगों का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन को चाहिए कि वह कुत्तों की नसबंदी करें, आक्रामक हिंसक कुत्तों के इलाज कराएं, उन्हें शहर से बाहर करें. वहीं, नगर पालिका प्रशासन का भी अपना तर्क है, उनका कहना है कि इस कार्य को करने में पशु क्रूरता अधिनियम और तमाम तरह की नियमों की बंदिशें से कठिनाई आती है. बावजूद  इसके नियमों का पालन करते हुए डॉग शेल्टर बनाया गया है. नसबंदी भी पहले की जा चुकी है, हालही में नसबंदी के लिए टेंडर निकाले गए, मगर टेंडर भरने वाला नहीं मिल रहा है. हालांकि, उम्मीद है फिर टेंडर निकालने पर इस समस्या का जल्द निदान किया जाएगा.

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