Farmers Support Mama: संसद के उच्च सदन राज्य सभा में सोमवार को मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिह चौहान ने किसानों को मुद्दे पर तीखी बहस के बीच कांग्रेस पर हमला करते हुए राजनीतिक दलों से कहा था कि किसानों को वोट बैंक समझना बंद कर दे. अब इस पर प्रतिक्रिया देते हुए छिंदवाड़ा के किसानों ने शिवराज सिंह चौहान के बयान का समर्थन किया है और कहा कि किसानों के नाम पर राजनीति बंद होनी चाहिए
गौरतलब है केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का सोमवार को संसद में रौद्र रूप देखने को मिला था. राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की आत्महत्या को लेकर कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा.विपक्ष पर भड़कते हुए उन्होंने कहा कि, मैंने कहा था कि मुझे छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं.
'किसानों के खून से सना है कांग्रेस का हाथ'
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कांग्रेस शासन के दौरान हुए गोलीकांड को गिनाते हुए कहा कि साल 1986 में जब कांग्रेस की सरकार बिहार में थी, तब गोलीबारी में 23 किसान मारे गए थे. 1988 में दिल्ली में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर गोली चलाई गई थी, उसमें दो किसान मारे गए थे.
मुलताई में किसानों पर गोली चली, 24 किसान मारे गए
1988 में ही मेरठ में किसानों पर गोलीबारी हुई थी और 5 किसान मारे गए थे, 23 अगस्त 1995 में हरियाणा में उनकी सरकार ने गोली चलाई थी, जिसमें 6 किसान मारे गए थे. 19 जनवरी 1998 को मुलताई में एमपी के किसानों पर गोली चली, तब भी कांग्रेस की सरकार थी. इस गोलीकांड में 24 किसान मारे गए थे.
'भाजपा सरकार में बढ़ा किसानों का सम्मान'
उन्होंने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि, हम किसान सम्मान निधि पर चर्चा कर रहे थे. कांग्रेस ने किसानों को सीधी मदद की बात की, लेकिन कांग्रेस ने कभी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजना नहीं बनाई. यह योजना हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनाई. उन्हें (विपक्ष) समझ में नहीं आएगा. किसान सम्मान निधि के कारण किसान आत्मनिर्भर बने हैं. किसान सशक्त भी हुए हैं और किसानों का सम्मान भी बढ़ा है. उन्हें (विपक्ष) किसानों का सम्मान नहीं दिख रहा है.
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