डैम का गेट खुलते ही बर्बाद हुई फसल! किसानों ने रोते हुए कहा- "हमें मुआवजा दे सरकार"

Tikamgarh News : बान सुजारा डेम से 12 गेट खोलकर 2500 क्यूमेक्स पानी छोड़े जाने के बाद धसान नदी के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई जिससे खेतों में खड़ी फसलें पानी में बह गईं और सैकड़ों किसानों की मेहनत बर्बाद हो गई.

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Madhya Pradesh News : टीकमगढ़ (Tikamgarh) जिले में भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं जिससे उनकी स्थिति बेहद गंभीर हो गई है. बान सुजारा डेम से 12 गेट खोलकर 2500 क्यूमेक्स पानी छोड़े जाने के बाद धसान नदी के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई जिससे खेतों में खड़ी फसलें पानी में बह गईं और सैकड़ों किसानों की मेहनत बर्बाद हो गई. प्रभावित गांवों में सेपुरा, खरीला, कुलगुआ, ऐरोरा, रामपुरा, मनगुआ, डुबदेई, पचेर धर्मपुरा सहित दर्जनों गांव शामिल हैं.... जहां किसानों की मूंगफली, उड़द और सोयाबीन की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गईं. खेतों में पानी भर जाने से चारों ओर बाढ़ का मंजर दिख रहा है और किसानों का हाल बेहाल हो गया है.

डेम छोड़ने से बहा खूब पानी

डेम से छोड़ा गया पानी लगातार 36 घंटे तक बहता रहा, जिससे धसान नदी के किनारे और आसपास के खेतों में पानी ने तांडव मचा दिया. तेज बहाव से कई वर्षों पुराने पेड़ तक धराशायी हो गए, तो खेतों की फसलें कैसे बच पातीं? आधी से ज्यादा फसलें पानी में बह गईं और जो बची थीं.... वे पानी में डूबकर नष्ट हो गईं.

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किसानों को मदद की दरकार

जिला प्रशासन की ओर से अब तक प्रभावित किसानों के लिए किसी भी तरह की राहत की घोषणा नहीं की गई है. किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनके नुकसान का सर्वे करवाकर मुआवजा देगी, ताकि उनके जख्मों पर मरहम लग सके. फिलहाल, किसानों का हाल देखकर यही कहा जा सकता है कि बारिश और बाढ़ ने उनकी कमर तोड़ दी है.

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प्रशासन ने नहीं दिया जवाब

36 घंटे तक बहते पानी ने लगभग 200 हेक्टेयर से ज़्यादा की फसलें नष्ट कर दी हैं, और किसान दो-दो आंसू रोने को मजबूर हैं. प्रशासन की तरफ से किसी भी अधिकारी ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे किसानों की स्थिति और भी गंभीर बनी हुई है.

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