अलग अंदाज : जनसुनवाई में भड़का किसान, जानें कलेक्ट्रेट परिसर में क्यों फैला दी मूंगफली..

Shivpuri News: शिवपुरी जिले में एक किसान अपनी जमीन पर फॉरेस्ट विभाग के अधिकारियों के कब्जे की शिकायत लेकर जनसुनवाई में पहुंचा.इस बीच किसान परिवार की जब जनसुनवाई में सुनवाई नहीं की गई तो वह भड़क गया और जो किया वो फिर हैरान करने वाला था..

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अलग अंदाज : जनसुनवाई में भड़का किसान, जानें कलेक्ट्रेट परिसर में क्यों फैला दी मूंगफली..

MP News In Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शिवपुरी (Shivpuri) में मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई (Public hearing) में पहुंचे एक किसान परिवार ने मूंगफली के बीज को कलेक्ट्रेट परिसर में फैला दिया. किसान फॉरेस्ट विभाग के रेंजर सहित अन्य कर्मचारियों से नाराज था. उसका आरोप था कि उसकी जमीन पर फॉरेस्ट विभाग ने दबंगों के साथ मिलकर कब्जा कर, उसमें मूंगफली की फसल की बुवाई रातों-रात कर दी . जब वह अपनी जमीन पर मूंगफली का बीज लेकर पहुंचा, तो उसे फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारियों ने खेत तक नहीं जाने दिया.

जांच करवाने का आश्वासन

बता दें, परेशान किसान परिवार द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में की गई इस घटना से हड़कंप मच गया. मामले की सूचना मिलते ही जनसुनवाई के लिए ऑफिस में बैठे एडीएम सहित एसडीएम बाहर निकले और तत्काल राजस्व विभाग के साथ वन विभाग की टीम को मौके पर भेजकर जांच करवाने का आश्वासन दिया.

पिछोर से जनसुनवाई में पहुंचा था किसान

 जनसुनवाई जिला मुख्यालय पर सामने आया यह मामला पिछोर अनुविभाग के ऊमरीकलां गांव का है. गांव में रहने वाले जगत सिंह लोधी ने बताया कि उसकी 14 बीघा जमीन फॉरेस्ट की जमीन से लगी हुई है, जिसका पिछले साल सीमांकन भी कराया था. लेकिन उसकी जमीन का रास्ता फॉरेस्ट की जमीन से होकर जाता है. इधर हर साल की तरह इस बार भी वीट आसपुर की सैकड़ों बीघा वन भूमि अवैध रूप से जुताई गई है.

खेत पर जाने से रोक दिया

जंगल की जमीन में वन परिक्षेत्राधिकारी अनुराग तिवारी द्वारा, उप वन परिक्षेत्राधिकारी मनोज जाटव एवं वीट गार्ड वीरेंद्र कोली के सहयोग से मूंगफली की खेती करवा दी गई है, उसका आरोप है कि वन भूमि के साथ रेंजर ने उसकी 14 बीघा जमीन पर भी मूंगफली की फसल की बुवाई करवा दी है. जब वह अपने खेत पर मूंगफली के बीज की बुवाई करने पहुंचा तो उसे खेत पर जाने से रुकवा दिया.

खराब हो रहा था मूंगफली का बीज

ऐसे में उसने अपने खेत के लिए जो मूंगफली का बीज खरीदा था, वह भी खराब हो रहा था. किसान ने कहा कि मैं हर मंगलवार होने वाली जनसुनवाई मे आया हुआ था, लेकिन यहां भी सुनवाई के नाम पर खानापूर्ति की गई तो वह भड़क गया. यही वजह रही के उसने अपने मूंगफली के बीज को जिला कलेक्ट्रेट परिसर में ही फेंकना उचित समझा.

Advertisement

वन विभाग ने किसान के आरोप को बताया निराधार

इस मामले वन परिक्षेत्राधिकारी अनुराग तिवारी का कहना हैं कि जगत सिंह लोधी की जमीन राजस्व भूमि में हैं, उसकी जमीन पर किसी ग्रामीण ने कब्ज़ा किया हुआ है. इससे वन विभाग का कोई लेना देना नहीं है. जगत सिंह लोधी वन भूमि से रास्ता चाह रहा है. उसे वन भूमि से रास्ता नहीं दिया गया था, जबकि राजस्व की जमीन में उसका पुराना रास्ता हैं, किसान द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं.

ये भी पढ़ें-  सरकारी जमीन के लिए कितनों का बहेगा खून ? मुरैना से ऐसे हटाया जाएगा अवैध कब्ज़ा

प्रशासन ने मौके पर भेजी जांच टीम

 जनसुनवाई में सामने आए इस मामले के बाद प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए हैं. उन्होंने किसान की शिकायत पर से जांच टीम मौके पर रवाना की है और किसान को उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है.

ये भी पढ़ें- Monsoon Diseases: डेंगू-मलेरिया पर नियंत्रण के लिए ऑयल बॉल को बना रहे हैं हथियार, बीमारियों से होगी रोकथाम

Advertisement

Topics mentioned in this article