Madhya Pradesh Hindi News: टीकमगढ़ जिले में यूरिया खाद की समस्या के चलते जिले में काफी दिनों से किसान खाद को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं. दूसरी ओर एक किसान की मौत हो गई. वह खाद के लिए लाइन में लगा था, उसी दौरान किसान की तबीयत खराब हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि वह तीन दिन से खाद के लिए लाइन में लगने के लिए बडोराघाट जाते थे, खाद तो मिला नहीं, लेकिन मौत जरूर मिल गई.
किसान की पहचान जमुना कुशवाहा (50) के रूप में हुई है, जो कारी बजरुआ गांव के रहने वाले थे.
तीन दिन से लाइन में लग रहा था किसान
जमुना कुशवाहा यूरिया खाद के लिए तीन दिन से रोज बड़ोराघाट खाद बितरण केंद्र पर जा रहे थे, जहां खाद के लिए लाइन में लगना पड़ता था. इसी तरह वह सोमवार को भी खाद लेने की आशा में बिना खाना खाए सुबह से लाइन में लग गए और थोड़ी देर लाइन में लगे रहने के बाद उसकी हालात बिगड़ गई. इस दौरान वह जमीन पर ही गिर गया.
इस दौरान किसान को तहसीलदार और पटवारी ने सरकारी गाड़ी से ले जाकर जिला अस्पताल में भर्ती करवाया, लेकिन थोड़ी देर बाद जमुना कुशवाहा की मौत हो गई.
छोटे भाई ने क्या बताया
मृतक के छोटे भाई ने आरोप लगाया कि उनकी मौत खाद की लाइन में लगने से तबीयत बिगड़ने के कारण हुई हैं. उन्होंने कहा कि तहसीलदार ने फोन कर बताया कि 12 बजे उनके भाई की तबीयत लाइन में लगे होने के कारण बिगड़ गई और वह जमीन पर गिर पड़े. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन मौत हो गई. वहीं, किसान का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर दीपक ओझा ने बताया कि जमुना कुशवाहा की मौत हार्ट अटैक आने से हुई है.
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