भोपाल में अगले तीन दिन बिखरेंगे केरल की संस्कृति के रंग, जानिए कार्यक्रम

Kerala Festival in Bhopal : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में आने वाले तीन दिनों तक केरल की संस्कृति का रंग देखने को मिलने वाला है. इस केरल उत्सव (Kerala Festival) के दौरान वहां की नृत्य कला, मार्शल आर्ट और व्यंजनों का आनंद स्थानीय लोग ले सकेंगे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
भोपाल में अगले तीन दिन बिखरेंगे केरल की संस्कृति के रंग, जानिए कार्यक्रम

MP News in Hindi : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में आने वाले तीन दिनों तक केरल की संस्कृति का रंग देखने को मिलने वाला है. इस केरल उत्सव (Kerala Festival) के दौरान वहां की नृत्य कला, मार्शल आर्ट और व्यंजनों का आनंद स्थानीय लोग ले सकेंगे. United Malayali Association के अध्यक्ष ओडी जोसेफ ने बताया कि भोपाल में 7 जून से बिट्टन मार्केट ग्राउंड में केरल उत्सव का आयोजन होगा. इस तीन दिवसीय उत्सव में केरल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देखने का मौका मिलेगा.

लोक नृत्यों की पेशकश

कार्यक्रम में केरल के सदियों पुराने पारंपरिक लोक नृत्य रूपों की प्रभावशाली श्रृंखला प्रदर्शित की जाएगी, जिसमें थेय्यम, मयूर नृथम, अर्जुन नृथम, कुम्माट्टी, करिनकाली, ओनाथर और वट्टामुडी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि उत्सव का मुख्य आकर्षण केरल की प्राचीन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित मार्शल आर्ट (कलारीपयट्टू) का प्रदर्शन होगा. अपनी कलाबाजियों, जटिल हरकतों और प्रभावशाली तकनीकों के लिए मशहूर कलारीपयट्टू न केवल एक रोमांचक प्रदर्शन पेश करता है, बल्कि केरल की समृद्ध मार्शल आर्ट परंपराओं का प्रमाण भी है.

कार्यक्रम में और क्या खास ?

लोक नृत्यों और मार्शल आर्ट के अलावा, इस उत्सव में भोपाल के प्रमुख नृत्य समूहों द्वारा भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी और मोहिनीअट्टम जैसे शास्त्रीय नृत्य प्रदर्शित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक प्रदर्शनों के अतिरिक्त केरल की विशेषताओं की एक विस्तृत श्रृंखला को प्रदर्शित करने वाले 100 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं. ये स्टॉल केरल के मसालों, आभूषणों, कपड़ों और शैक्षणिक संस्थानों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे, जो जनता की विविध रुचियों को पूरा करेंगे.

ये भी पढ़ें :

विश्व पर्यावरण दिवस पर कलेक्टर ने रोपे पौधे, पेड़ बचाओ का दिया नारा

खाने-पीने का भी इंतज़ाम

खाने के शौकीनों के लिए उत्सव एक बेहतरीन अनुभव होगा क्योंकि इसमें केरल के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन शामिल होंगे. कार्यक्रम के प्रवेश द्वार को केरल की विरासत घरों जैसा बनाया गया है, जो एक राजसी रूप प्रदान करता है, जो आगंतुकों को सदियों पहले ले जाता है. 'ड्राइववे' केरल के जीवन और समय के दृश्यों को प्रदर्शित करेगा, जो उत्सव के समग्र माहौल को और बढ़ाएगा.

Advertisement

ये भी पढ़ें :

बचा लो पेड़ नहीं तो नहीं बचेगा 'कुछ' , पढ़िए MP के पृथ्वी सेना की कहानी

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Topics mentioned in this article