Madhya Pradesh में हस्तशिल्प करने वालों के लिए बढ़े रोजगार और बिजनेस के मौके, चलाए जा रहे ये खास कार्यक्रम

Weavers in MP: मध्य प्रदेश में पिछले साल 17,597 बुनकरों को रोजगार मिला है. इस साल सरकार का लक्ष्य 40 हजार को रोजगार देने का है.

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Jobs for Weavers: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हाथकरघा (Handloom) और हस्तशिल्प (Handicraft) क्षेत्र में रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिये लगातार नवाचार किए जा रहे हैं. गांव के उत्थान और स्व-रोजगार सृजन (Self Employment) के लिये ग्रामीण उद्योगों (Rural Industries) को नौकरी के लिए खास शिक्षा से जोड़ने पर विशेष जोर दिया गया है. राज्य सरकार परम्परागत ग्रामोद्योगों (Traditional Village Industries) के संरक्षण, कल्याण और समग्र विकास के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये लगातार प्रयास कर रही है. प्रदेश में कुटीर और ग्रामोद्योगों के विकास के लिए हाथकरघा और हस्तशिल्प संचालनालय द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे हैं. इसके तहत बुनकरों और शिल्पियों को प्राचीन उत्कृष्ट बुनाई एवं शिल्पकला की सुप्रसिद्ध परम्परा को समृद्ध बनाने, हाथकरघा बुनकरों और शिल्पियों को सतत् रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं.

गुणवत्ता बढ़ाने के हो रहे प्रयास

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की आधुनिक परिवेश की बदली हुई मागों के को ध्यान में रखते हुए हाथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्र के उत्पादों की गुणवत्ता और पारम्परिक उत्पादों की किस्मों में सुधार लाने की दिशा में काम हो रहा है. कुटीर और ग्रामोद्योग उत्पादों को देसी-विदेशी बाजारों में दूसरे उत्पादों की तुलना में योग्य बनाने के लिए उन्नत प्रशिक्षण, तकनीकी उन्न्यन, उत्पाद विकास के लिए प्रदेश के बुनकरों और शिल्पियों को समुचित सहायता दी जा रही है. 

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प्रदेश में वर्तमान में 17 हजार 597 करघों पर सुविख्यात हाथकरघा वस्त्र जैसे चन्देरी एवं महेश्वरी-साडियां, ड्रेस मटेरियल, होम फर्निशिंग, बेडशीट एवं शासकीय विभागों में प्राय: उपयोग में आने वाले वस्त्रों का वृहद स्तर पर उत्पादन किया जा रहा है. इन हाथकरघों के जरिये गत वित्तीय वर्ष में लगभग 33 हजार 480 बुनकरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया.

हाथकरघा और हस्तशिल्प सेक्टर के लिए विकास कार्यकम

हाथकरघा एवं हस्तशिल्प सेक्टर के लिए एकीकृत क्लस्टर विकास कार्यक्रम में परम्परागत रूप से कार्यरत बुनकरों और शिल्पियों को उनकी आय एवं उत्पादकता में वृद्धि के लिए देसी-विदेशी बाजारों की मांग के हिसाब से उत्पाद बनाने के लिये समुन्नत तकनीक का कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जायेगा. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में एकीकृत क्लस्टर विकास कार्यक्रम के लिये एक करोड़ 17 लाख रूपये आवंटित किये गये हैं. राज्य के प्रमुख क्लस्टरों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ-साथ उत्पाद विकास, उन्नत किस्मों/डिजाइन्स के विकास के लिए प्रशिक्षण वर्कशॉप एवं सेमिनार भी आयोजित किये जाएंगे.

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कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम

कुटीर एवं ग्रामोद्योगों के जरिए स्व-रोजगार/रोजगार के नये अवसरों के सृजन के लिए हितग्राहियों को विभिन्न ट्रेडस् में कौशल विकास प्रशिक्षण सहित उन्नत उपकरण भी दिये जाते हैं. विगत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 750 के सालाना लक्ष्य के विरुद्ध 262 हितग्राहियों को कौशल विकास प्रशिक्षण एवं 311 हितग्राहियों को करघा एवं उन्नत उपकरण दिये गये. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस कार्यक्रम के लिये एक करोड़ 80 लाख रूपये बजट आरक्षित किया गया है. इस वर्ष लगभग 922 हितग्राहियों को कौशल विकास प्रशिक्षण एवं उन्नत उपकरण दिये जाएंगे.

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कौशल एवं तकनीकी विकास प्रशिक्षण एवं विपणन कार्यक्रम

विभाग द्वारा हाथकरघा एव हस्तशिल्प क्षेत्र के लिये कौशल, तकनीकी विकास एवं प्रशिक्षण कार्यकम तथा हस्तशिल्प क्षेत्र के लिये विपणन सहायता योजना संचालित की जा रही है. इन योजनाओं में वित्त वर्ष 2024-25 में क्रमशः एक करोड़ 80 लाख रूपये एवं 50 लाख रूपये बजट दिया गया है. इससे हाथकरघा बुनकरों एवं हस्तशिल्पयों के लिये कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम, उन्नत करघे व उपकरण प्रदाय के अलावा उत्पाद की मार्केटिंग के लिये प्रदर्शनी का आयोजन तथा प्रदर्शनियों व एक्सपो में भागीदारी के लिये वित्त सहायता उपलब्ध करायी जायेगी. इस कार्यक्रम से प्रदेश के बुनकरों एवं शिल्पियों का आर्थिक व सामाजिक उत्थान संभव होगा.

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