Elephants Death In BTR: मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ अभयारण्य में 10 हाथियों की मौत की वजह को लेकर अधिकारियों नया खुलासा किया है. अधिकारियों के मुताबिक हाथियों की मौत की वजह जहर नहीं थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत हाथियों के विसरा में ‘न्यूरोटॉक्सिन साइक्लोपियाजोनिक एसिड' पाया गया. अधिकारियों ने साफ किया कि यह हाथियों को ‘जहर' देने का मामला नहीं है.
29 अक्टूबर को बांधगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथी मृत पाए गए थे
गौरतलब है उमरिया जिले के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में गत 29 अक्टूबर को चार हाथी मृत पाए गए थे, जिसके बाद मृत हाथियों की संख्या में इजाफा होने लगा और मृत हाथियों की संख्या बढ़कर 10 हो गई थी, जिसके बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया और पीएमओ भी हाथियों के मौत को लेकर सजग हो गया.
मृत हाथियों के विसरा रिपोर्ट में कीटनाशकों का कोई अंश नहीं मिला
वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी बताया कि हाथियों की विसरा रिपोर्ट मंगलवार को भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), बरेली से प्राप्त हुई. उन्होंने बताया कि इसमें नाइट्रेट-नाइट्राइट, भारी धातुओं के साथ-साथ ऑर्गेनोफॉस्फेट, ऑर्गनोक्लोरीन, पाइरेथ्रोइड और कार्बामेट समूह के कीटनाशकों का कोई अंश नहीं मिला
जंगली पौधा कोदो में पाए जाते हैं Cyclopiasonic Acid नामक जहर
उल्लेखनीय है NDTV के पास मौजूद बरेली स्थित ICAR-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की फॉरेंसिक रिपोर्ट में बताया गया कि मृत हाथियों के शरीर के अंदरूनी अंगों और विसरा में कोदो पौधे में पाए जाने वाले विषाक्त पदार्थ Cyclopiasonic Acid बड़ी मात्रा में पाए गए थे. जिसके बाद आशंका बढ़ गई थी कि हाथियों की मौत जहर से हुई है.
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