Bandhavgarh National Park News:,मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) में हाथियों की मौतों (Elephat Dies) का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. एक और हाथी की मौत के साथ मरने वाले हाथियों की संख्या 9 तक पहुंच चुकी है, जबकि एक अन्य हाथी की स्थिति गंभीर बनी हुई है. इन घटनाओं के बाद वन विभाग और राज्य सरकार दोनों ही मामले की जांच में जुट गए हैं.
NTCA और राज्य सरकार की संयुक्त जांच टीम
दिल्ली से तीन सदस्यीय NTCA की टीम बांधवगढ़ पहुंच चुकी है. राज्य सरकार ने भी इस मामले में पांच सदस्यों की एक विशेष जांच दल का गठन किया है, जो अगले दस दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. मामले की गंभीरता को देखते हुए एनटीसीए और राज्य सरकार की टीम को 10 दिन के अंदर व्यापक जांच के बाद रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं.
विस्तृत जांच के लिए क्षेत्र में तलाशी अभियान
मृत हाथियों की फोरेंसिक जांच के बाद अंतिम संस्कार
जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद अधिकारियों ने 300 बोरी नमक मंगा कर दो जेसीबी की मदद से मृत हाथियों को दफन कर दिया है. साथ ही, विशेषज्ञों ने हाथियों के मल, मिट्टी, और आसपास के पौधों के नमूने एकत्र किए हैं, ताकि मौत के संभावित कारणों का पता लगाया जा सके. भोपाल की एसटीएफ के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा ने बताया कि ऐसी आशंका है कि कोदो के बीज या किसी अन्य जहरीले पौधों के सेवन से हादसा हुआ होगा, इसलिये वाइल्ड क्राइम कंट्रोल की टीम जांच कर रही है.
हाथियों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
घटनास्थल पर 20 और हाथियों का झुंड पहुंच गया था, जिससे वन्यकर्मियों को वहां काम करने में दिक्कत का सामना करना पड़ा. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगभग 150 हाथी हैं, जिनमें से अधिकतर यहां के आसपास ही विचरण करते हैं. इस संकट को देखते हुए वन विभाग लगातार इन हाथियों की सुरक्षा और स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं.
वन्य जीवन और मानव संघर्ष का बढ़ता संकट
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1920 के बाद मध्य प्रदेश में हाथी नहीं थे, 1987 में सरगुजा के जंगलों में पहली बार देखे गए थे ... जो अब छत्तीसगढ़ का हिस्सा है, राज्य बंटा तो बमुश्किल एक दर्जन हाथी मप्र को मिले. मध्यप्रदेश के जंगलों में इस वक्त गभग 150 हाथी हैं, इनमें आधे बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के आसपास ही घूमते हैं. ऐसे में बांधवगढ़ की यह त्रासदी एक चेतावनी है, जो हमें बताता है कि हमें अपने वन्य जीवन और प्राकृतिक संसाधनों को लेकर और भी सतर्क रहने की आवश्यकता है.
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