बांधवगढ़ में हाथियों की मौत कैसे? WCCB की स्पेशल टीम करेगी जांच

Bandhavgarh Elephant deaths: केंद्र सरकार ने इस सप्ताह मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (BTR) में 10 हाथियों की मौत की जांच शुरू की है. वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) ने हाथियों की मौत की जांच के लिए एक टीम गठित की है. 

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Bandhavgarh Elephant deaths: केंद्र सरकार ने इस सप्ताह मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (BTR) में 10 हाथियों की मौत की जांच शुरू की है. वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) ने हाथियों की मौत की जांच के लिए एक टीम गठित की है. 

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितोली रेंज के अंतर्गत सांखनी और बकेली में 29 अक्टूबर को चार जंगली हाथी मृत पाए गए, 30 अक्टूबर को चार और अगले दिन दो और मरे.  मध्य प्रदेश के अधिकारियों की प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चलता है कि हाथियों की मौत जहर के कारण हुई होगी. 

केंद्र और राज्य ने बनाई ये टीमें

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) ने हाथियों की मौत की जांच के लिए एक टीम गठित की है. वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने घटना की जांच के लिए अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति भी बनाई है. 

वहीं राज्य टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) के प्रमुख भी मामले की जांच कर रहे हैं. बयान में कहा गया है कि एसटीएसएफ जंगलों और आस-पास के गांवों की तलाशी ले रहा है और घटना की गहन जांच कर रहा है.

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हाथियों के झुंडों की निगरानी तेज

मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन फिलहाल जांच की निगरानी करने और उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए बांधवगढ़ में हैं. अतिरिक्त वन महानिदेशक (प्रोजेक्ट टाइगर एंड एलीफेंट), राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के सदस्य सचिव और एआईजी एनटीसीए, नागपुर ने हाथियों की मौत के मुद्दों और कारणों पर राज्य के अधिकारियों के साथ चर्चा करने के लिए स्थलों का दौरा किया.

राज्य के वन्यजीव अधिकारियों ने कहा कि मौत के वास्तविक कारण की पुष्टि गहन जांच, विस्तृत पोस्टमार्टम निष्कर्षों और हिस्टोपैथोलॉजिकल और टॉक्सिकोलॉजिकल विश्लेषणों के परिणामों के साथ-साथ अन्य सहायक साक्ष्यों के बाद की जाएगी. इस बीच, राज्य के अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए निवारक उपाय लागू किए हैं कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, जबकि बांधवगढ़ रिजर्व और उसके आसपास के अन्य हाथियों के झुंडों की निगरानी तेज कर दी गई है. 

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