Maihar: 11000 केवीए की चपेट में आने से हाथी की मौत, वन विभाग में मचा हड़कंप

Maihar Elephant Death Case: मैहर जिले के मुकुंदपुर रेंज के माझटोलवा गांव से 11 हजार केवीए की लाइन गुजरी हुई थी, जहां से हाथी निकल रहा था और अचानक उसने अपनी सूड़ से तार को पकड़ लिया, जिससे उसे जोरदार करंट लग गया और उसकी मौके पर मौत हो गई.

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MP Elephant Death: मध्य प्रदेश में एक बार फिर हाथी की मौत हो गई है. 11000 केवीए की चपेट में आने से मध्य प्रदेश के मैहर में हाथी की मौत हुई है. इस घटना के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया है. मुकुंदपुर रेंजर दिग्विजय सिंह सहित वन विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना की जांच कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि यह हाथी शहडोल की तरफ से आया था.

यह घटना मैहर जिले के मुकुंदपुर रेंज अंतर्गत माझटोलवा गांव की है.  दरअसल, माझटोलवा गांव में 11 हजार केवीए की विद्युत तार से गजराज को करंट लग गया. 

हाथी के सूंड पर करंट से झुलसने के निशान

रेंजर श्री सिंह ने बताया कि सुबह मझटोलवा गांव में हाथी की मौत की सूचना मिली. मौके पर पहुंच कर जब जांच की गई तो यह तथ्य सामने आया कि 11000 केवीए की लाइन गुजरी हुई थी, जहां से हाथी निकल रहा था और अचानक उसने अपनी सूड़  से तार को पकड़ लिया जिससे उसे जोरदार झटका लगा और उसकी मौके पर मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक, हाथी के सूंड पर करंट से झुलसने के निशान भी पाए गए हैं.

हाथी की मौत का जिम्मेदार कौन?

वन विभाग की अधिकारियों की माने तो गजराज की उम्र लगभग 4 से 5 साल है जो अभी अर्द्ध वयस्क की श्रेणी में माना जा रहा है. फिलहाल अफसर की मौजूदगी में अब घटना की जांच की जा रही है. गजराज की मौत का असली जिम्मेदार कौन है? क्या 11000 केवीए की लाइन इतनी नीचे हैं कि वह वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा रही है या फिर इस घटना के पीछे कोई आपराधिक षड्यंत्र है.

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शहडोल के जंगलों में मौजूद हैं हाथियों के झुंड

बताया जा रहा है कि मुकुंदपुर रेंज की सीमा से जुड़े शहडोल जिले में हाथियों के कुछ झुंड विचरण कर रहे हैं. उन्हीं में से एक हाथी भटक कर मझटोलवा गांव पहुंच गया था. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या वाकई में हाथी शहडोल से आया? वहीं वन विभाग के अधिकारी उसके पगमार्क के आधार पर पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं.

तीन दिन में 10 हाथियों की हुई थी मौत

बता दें कि पिछले दिनों शहडोल में 10 हाथियों की मौत का मामला सामने आया था. वन विभाग के मुताबिक, सबसे पहले 29 अक्टूबर को विभाग की टीम को 4 हाथी मृत अवस्था में मिले थे, जबकि 6 अन्य हाथी गंभीर रूप से बीमार थे. बीमार हाथियों का इलाज चल रहा था, लेकिन अगले ही दिन मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर के कारण चार और हाथियों की मौत हो गई थी. इसके बाद 31 अक्टूबर को बाकी के दो हाथियों ने दम तोड़ दिया.

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