Eco Friendly Holika: यहां जलती है एमपी की सबसे बड़ी ईको फ्रेंडली होलिका, दो दिनों तक सजाए जाते हैं गाय के गोबर के कंडे

Eco Friendly Holi: होली में प्रकृति का भी ध्यान रखना हमारे लिए जरूरी है. इसी चीज को ध्यान में रखते हुए ग्वालियर में एमपी की सबसे बड़ी ईको फ्रेंडली होलिका जलाई जाती है. इससे आसपास का वातावरण भी शुद्ध होता है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Holi 2025: ग्वालियर की खास होलिका दहन

Gwalior Eco Friendly Holika: उत्तरी मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सबसे बड़ी ईको फ्रेंडली होलिका ग्वालियर (Gwalior) में मनाई जाती है. शहर के सराफा बाजार में बीते सैकड़ो सालों से इसे ऐसे ही मनाया जा रहा है. पहले इसमें लकड़ियों का भी इस्तेमाल होता था, लेकिन लगभग 15 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के करण इसमें लकड़ी लगाना बंद कर दिया गया है. अब इसमें कंडों (Cow Dung Cakes) का ही उपयोग होता है और वह भी गाय के गोबर के कंडे ही होलिका में लगाये जाते थे. 25 से 30 हजार कंडों से इसे दो दिन में तैयार किया जाता है. रियासत काल में सिंधिया राज परिवार (Scindia Raj Pariwar) भी यहीं होलिका दहन करने आता था. शुरू से ही यह होलिका 20 से 25 फीट ऊंचाई की रहती है, जिसमें ऊपर होलिका की प्रतिमा भी सजाई जाती हैं.

रियासत काल की परंपरा

ग्वालियर के हृदय स्थल महाराज बाड़े से सटा सराफा बाजार धनाड्य लोगों का इलाका है. यहां होलिका दहन का सिलसिला लगभग 250 साल पहले सिंधिया रियासत के समय शुरू हुआ था. तब सिंधिया राज परिवार गोरखी महल में रहता था, जो सराफा बाजार से कुछ ही फर्लांग की दूरी पर स्थित है. किंवदंती है कि सिंधिया राज परिवार भी महल से सराफा में होलिका दहन के लिए पहुंचता था. अब यह सबसे व्यस्त इलाका है और 10,000 से ज्यादा परिवार यही से होली की आग अपने घरों में लेकर जाते हैं. पहले यह गोरखी गेट के पास जलाई जाती थी. बीते 60-70 साल से इसे सराफा बाजार में जलाया जाता हैं.

Advertisement

दो दिनों तक सजाए जाते हैं कंडे

ग्वालियर में सराफा बाजार की यह होलिका उत्तरी मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी होलिका है. इसमें पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से एक भी लकड़ी का उपयोग नहीं किया जाता है. इसमें 25 से 30 हजार से ज्यादा कंडों का उपयोग किया जाता है. खास बात ये भी है कि यह कंडे गाय के गोबर के होते हैं, जो गौशाला से मंगवाए जाते हैं. इस होलिका को सजाने में आधा दर्जन मजदूर दो दिन पहले से जुटते हैं, यानी इसे तैयार करने में कम से कम 24 घंटे का समय लगता है. सराफा बाजार होली समिति से जुड़े गोपाल अग्रवाल का कहना है कि इस बार भद्रा होने के कारण होलिका दहन आज (13 मार्च) को रात  ग्यारह बजे होगा.

Advertisement

ये भी पढ़ें :- 16वीं शताब्दी से इस गांव में नहीं हुआ हाेलिका दहन, जानिए क्यों होली पर आग नहीं लगाते यहां ग्रामीण

Advertisement

ग्वालियर में खास तैयारियां

पुलिस और प्रशासन द्वारा थानावार तैयार कराई गई सूची के अनुसार, शहर के विभिन्न 900 स्थलों पर होलिका दहन की जाएगी. इसके अलावा 50 से ज्यादा टाउनशिप में भी होलिकादहन दहन होगा. पुलिस अधीक्षक के अनुसार, होलिका दहन के समय पुलिस बाइक और मोबाइल वैन से निरंतर गश्त करेगी. इस दौरान फायरब्रिगेड और हॉस्पीटल को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है. साथ ही, हर होलिका दहन स्थल पर पुलिस बल तैनात रहेगा.

ये भी पढ़ें :- उपस्थिति में गड़बड़ी! CMHO Office में लगा दिया एडवांस में अटेंडेंस, होगी बड़ी कार्रवाई