टीकमगढ़ में नया ट्रेंड: देवी दुर्गा को अब डोसा-सांभर, ब्रेड पकौड़े जैसे चटपटे भोग, भक्तों की लगी भीड़

आम तौर पर नवरात्रि में हर जगह आस्था का मीठा स्वाद मिलता है,लेकिन टीकमगढ़ में इस बार मां दुर्गा के प्रसाद का जायका बदल गया है. अब मीठी बूंदी और हलवे की जगह डोसा, सांभर वड़ा, ब्रेड पकौड़ा और आलू बोंडा जैसी चटपटी डिश भक्तों को परोसी जा रही है.

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Durga puja 2025 Tikamgarh: आम तौर पर नवरात्रि में हर जगह आस्था का मीठा स्वाद मिलता है,लेकिन टीकमगढ़ में इस बार मां दुर्गा के प्रसाद का जायका बदल गया है. अब मीठी बूंदी और हलवे की जगह डोसा, सांभर वड़ा, ब्रेड पकौड़ा और आलू बोंडा जैसी चटपटी डिश भक्तों को परोसी जा रही है. ये बातें आपको थोड़ा चौंका सकती है. इस रिपोर्ट में जानिए कैसे पारंपरिक प्रसाद वितरण में आया यह 'मॉडर्न ट्विस्ट'? 

बदलते ज़माने में प्रसाद भी हुआ 'मॉडर्न'

दरअसलटीकमगढ़ जिले के नवदुर्गा पंडालों में इस बार प्रसाद वितरण का तरीका पूरी तरह से बदल गया है. अब मीठे के बजाय डोसा, सांभर वड़ा, आलू बंडा और वेज पुलाव जैसे स्वादिष्ट व्यंजन प्रसाद के रूप में वितरित किए जा रहे हैं. इन व्यंजनों के लिए भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं. आयोजन समितियों का मानना है कि यह बदलाव समय की मांग है. गोविंदा नवदुर्गा समिति के सदस्य आकाश मिश्रा बताते हैं, "पहले लोग मीठा प्रसाद खुशी से लेते थे, लेकिन आज के दौर में लोग मीठा कम पसंद करते हैं. खासकर नई पीढ़ी और बच्चे.

लिहाजा बच्चों को आकर्षित करने और उन्हें पंडाल से जोड़ने के लिए हमने यह नया प्रयोग किया है. जब बच्चों को उनकी पसंद का साउथ इंडियन डिश या चटपटा बुंदेली व्यंजन प्रसाद में मिलता है, तो उनकी खुशी बढ़ जाती है

." यही कारण है कि टीकमगढ़ के पंडालों में प्रसाद के लिए अब लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं. भक्तों की भीड़ इस बात का प्रमाण है कि यह नया, नमकीन प्रसाद ट्रेंड सफल हो रहा है.

सांभर- डोसा से लेकर बुंदेली ठाडुला तक

पंडालों में प्रसाद का मेन्यू किसी बड़े रेस्टोरेंट से कम नहीं है. ताल दरवाजा रोड स्थित गोविंदा नवदुर्गा समिति में सोमवार रात सांभर-डोसा का भोग लगाया गया. इससे पहले सांभर वड़ा,आलू बंडा और वेज पुलाव जैसे स्वादिष्ट व्यंजन बांटे गए. समिति ने अष्टमी पर साबूदाना की खिचड़ी और नवमी पर ब्रेड-पकोड़ा बांटने की योजना बनाई है. इस पंडाल में देर रात समिति के सदस्य अंश बुंदेला, मोनू बघेल और अन्य मिलकर अगले दिन के मेन्यू पर विचार करते हैं. उधर, दीक्षित मोहल्ला नवदुर्गा समिति ने बुंदेली संस्कृति को प्रसाद में स्थान दिया है. सदस्य अनिल सोनी के अनुसार, "हम हर दिन बुंदेली व्यंजन ही प्रसाद में बांट रहे हैं, जैसे सोमवार रात ठाडुला. इससे पहले बरा, कढ़ी चावल और मूंग दाल खिचड़ी का वितरण किया गया है." एसबीआई चौराहा स्थित पंडाल में वेज पुलाव वितरित हुआ, जबकि सिंधी धर्मशाला में पारंपरिक रूप से चावल का प्रसाद बांटा जा रहा है.भक्ति और खान-पान के इस अनोखे मेल ने टीकमगढ़ की नवरात्रि को एक अलग ही पहचान दी है, जो दर्शाता है कि आस्था और परंपराएं भी समय के साथ कदमताल करने को तैयार हैं.
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