शिवपुरी में क्या ऐसे चलेगा जिला अस्पताल? स्टाफ की लापरवाही से गेट पर ही हुआ बच्चे का जन्म

शिवपुरी के जिला अस्पताल से चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है. अस्पताल के बाहर, एक महिला को कंबल की आड़ में अपने बच्चे को जन्म देना पड़ा. परिवार वाले मदद के लिए अस्पताल के स्टाफ से गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई समय पर नहीं पहुँचा। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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Shivpuri district hospital negligence: शिवपुरी के जिला अस्पताल से चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है. अस्पताल के बाहर, एक महिला को कंबल की आड़ में अपने बच्चे को जन्म देना पड़ा. परिवार वाले मदद के लिए अस्पताल के स्टाफ से गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई समय पर नहीं पहुँचा। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. 

क्या है पूरा मामला?

यह घटना भौंती थाना क्षेत्र के दुल्हई गाँव की रहने वाली चायना आदिवासी नाम की महिला के साथ हुई. प्रसव पीड़ा बढ़ने पर उन्हें पहले सिरसौद स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था, जहाँ से उन्हें शिवपुरी जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. जैसे ही महिला को लेकर परिजन जिला अस्पताल पहुंचे, उसकी प्रसव पीड़ा बहुत बढ़ गई. परिवार वालों ने तुरंत स्ट्रेचर और मदद के लिए अस्पताल के स्टाफ को पुकारा. लेकिन आरोप है कि स्टाफ ने कागजी कार्रवाई और बात समझने-समझाने में 20 मिनट का समय लगा दिया. जब तक स्टाफ पहुंचता, महिला की हालत बिगड़ चुकी थी. मजबूरी में, महिला के साथ आई गांव की दूसरी महिलाओं ने मिलकर एक चादर की आड़ बनाई और वहीं अस्पताल के गेट पर ही महिला की डिलीवरी कराई. इस दौरान पुरुष सदस्य अंदर मदद के लिए गिड़गिड़ाते रहे.

'भगवान की कृपा रही कि दोनों सुरक्षित हैं'

परिवार वालों का कहना है कि यह तो भगवान की कृपा थी कि जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं, वरना कुछ भी हो सकता था. उनका आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही साफ दिख रही है, क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब इस अस्पताल के बाहर किसी महिला ने बच्चे को जन्म दिया हो. इस घटना पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन, डॉ. बी. एल. यादव का बयान भी सामने आया है. उनका कहना है कि बच्चे का जन्म एंबुलेंस में ही हो गया था, अस्पताल की चौखट पर नहीं. उनके मुताबिक, जैसे ही एंबुलेंस पहुँची, जच्चा-बच्चा को तुरंत भर्ती कर लिया गया और अब दोनों सुरक्षित हैं. हालांकि मौके से जो तस्वीर सामने आई है उसके मुताबिक एंबुलेस अस्पताल के दरवाजे पर खड़ा है और एंबुलेस के बाहर महिलाएं चादर ताने खड़ी हैं. बहरहाल इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हमारा स्वास्थ्य सिस्टम कितना लापरवाह है, जहां गर्भवती महिला को भी सही समय पर मदद नहीं मिल पाती.

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