MP के इस गांव में सड़क, स्कूल, आंगनवाड़ी कुछ भी नहीं !  सरकार की राह देख रहे ग्रामीण

MP Pujari Tola Village In Balaghat :  क्या आज ऐसे गांवों की कल्पना की जा सकती है, जहां न सड़क, पानी, स्कूल, आंगनवाड़ी कुछ भी न हो. सोचिए ऐसे गांव में ग्रामीणों का जीवन कैसे होता होगा?  बालाघाट जिले के ग्राम पंचायत अर्नामेटा के अंतर्गत आने वाला पुजारी टोला गांव विकास से कोसों दूर है. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
चित्र में गांव की टूटी हुई सड़क.

Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के एक गांव से विकास के दावों की पोल खोलने वाली खबर आई है. बड़ी बात ये है कि बालाघाट जिले में ऐसे कई गांव हैं, जो मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. दरअसल, हम बात कर रहे हैं. बालाघाट से लगभग 70 किलोमीटर दूर पुजारी टोला नाम का एक गांव है. इस गांव में पहुंचने के लिए न तो सड़क है, न ही पेयजल की सुविधा.

 गांव में कैद हो जाते हैं लोग

ग्राम पंचायत अर्नामेटा के अंतर्गत आने वाला पुजारी टोला गांव बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा है. इस गांव में जाने के लिए बेहद खराब रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. वहीं, इस रास्ते में आने वाले दो पूल भी अब क्षतिग्रस्त है. एक पुल लगभग 4 साल पहले ढह गया, तो दूसरा पुल इस बार की बारिश में, ऐसे में बारिश के दिनों में यहां के लोग गांव में ही कैद हो जाते हैं.

Advertisement

बच्चे न स्कूल जा पाते न ही बीमार अस्पताल

बारिश के दिनों में जब नाले में बाढ़ रहती है, तो बच्चे स्कूल तक नहीं जा पाते हैं. ऐसे में यहां के बच्चे शिक्षा से भी वंचित रह जाते हैं. ऐसे में यहां के बच्चों का भविष्य अंधकार में है. इस गांव स्कूल और आंगनवाड़ी ही नहीं है. ऐसे में बच्चों को पढ़ने के लिए दूसरे गांव में जाना पड़ता है.

Advertisement

 वहीं, दूसरी तरफ बारिश के मौसम में कोई बीमार पड़ जाए तो, गांव वालों के लिए आफत बढ़ जाती है. इस गांव में एम्बुलेंस या कोई दुसरा चौपहिया वाहन तक नहीं पहुंच पाता. ऐसे में गांव वालों को चार किलोमीटर का सफर तय कर मरीज को मुख्य सड़क लाना पड़ता है. इसके बाद वहां के लोगों को अस्पताल ले जाया जाता है.

सुविधा के आभाव में एक की मौत

पुजारी टोला निवासी महेश परते ने बताया कि सुविधा के अभाव उनकी पत्नी की मौत हो गई. बारिश के दिनों में उनके गांव के दोनों नालो में पानी भर गया था. वहीं, सड़क और पुल न होने से उन्हें चार किलोमीटर तक पैदल मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ा. जब तक महिला को जिला अस्पताल तक पहुंचाया गया, तब तक महिला ने दम तोड़ दिया. इसके बाद महेश को संबल योजना के तहत मिलने वाली राशि भी नहीं मिल सकी है.

Advertisement

गर्मियों में पानी के लिए तरसता है गांव

पुजारी टोला के निवासी बताते हैं कि उनके गांव में अब तक नल जल योजना नहीं पहुंच सकी है. एक कुआं था वह भी धंस गया. ऐसे में पेयजल की समस्या बन गई. ग्रामीणों की समस्या तब बढ़ जाती है, जब मई-जून का महीना शुरू हो जाता है. इस दौरान उन्हें पानी के लिए लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है.

ग्रामीण बोले- दफ्तरों के कई चक्कर लगा लिए, कुछ नहीं हुआ. ग्रामीणों ने बताया कि हम अपनी समस्या लेकर ग्राम पंचायत से लेकर जनपद पंचायत तक पहुंचे लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हुई. गांव वाले आज भी सरकार की राय देख रहे हैं.. 

ये भी पढ़ें- क्रूरता की हदें पार! दोनों पैर और मुंह बांधकर मारा, भौंक तक नहीं पाया कुत्ता...तड़प-तड़प कर दे दी जान

ये भी पढ़ें- Mann ki Baat: भोपाल के रातापानी टाइगर रिजर्व और छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास का 'मन की बात' में जिक्र, सीएम मोहन ने किया धन्यवाद

Topics mentioned in this article