MP में अब ‘ड्रोन दीदियां' भर रहीं सफलता की उड़ान, लग रहे 'आत्मनिर्भरता' के पंख

Drone Didi News : हर मोर्चे पर मां बहनों का सम्मान हो. उनको जिंदगी की उड़ान भरने का हर वो मौका मिले, जिसकी उन्हें जरूरत है. प्रदेश की सरकार कुछ ऐसा ही कर रही है. बहने अपने भइया यानी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सपनों को सकार कर रही हैं. लखपति दीदी बनने के साथ बहनें ड्रोन दीदियां भी बन रही हैं...

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MP Drone Didi :  रख हौसला तो हर चुनौती पस्त है... इस लाइन को साकार कर रही हैं अपने हुनर और मेहनत से प्रदेश की ड्रोन दीदियां... प्रदेश में जहां एक ओर लखपति दीदियों का नाम चर्चा में है. तो वहीं, ड्रोन दीदियां भी विकास की रेस में किसी से कम नहीं हैं. अब शिवराज की ये बहने लखपति दीदी बनने के साथ ड्रोन दीदियां भी बन रही हैं. सपनों की उड़ान भर रही हैं. साथ ही अपनी अन्य बहनों को कुछ करने के लिए इनकी कहानियां प्रेरित कर रही है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल अब रंग ला रही है. प्रदेश की सरकार भी लगातार इस दिशा में कार्यरत है.  विदिशा जिले की महिलाएं अब घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर नया इतिहास रच रही हैं. चूल्हा-चौका संभालने वाली ये महिलाएं अब टेक्नोलॉजी की उड़ान भर रही हैं, और बन गई हैं ‘ड्रोन दीदी'. 

'आजीविका को मजबूती दे रही'

जिले भर में अब इन्हें लखपति दीदी और ड्रोन दीदी के नाम से जाना जाता है. ड्रोन टेक्नोलॉजी के ज़रिए ये महिलाएं गांव-गांव जाकर फसलों में स्प्रे कर रही हैं और अपने परिवार की आजीविका को मजबूती दे रही हैं. प्रभा वर्मा, विदिशा जिले के छोटे से गांव रंगई की रहने वाली हैं. विवाह के बाद वे इटारसी से यहां आईं और एक सामान्य गृहिणी की तरह जीवन बिता रही थीं.

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दिल्ली में हुआ सम्मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ड्रोन योजना के तहत, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल की गई. प्रभा और उषा का चयन हुआ, इन्होंने परीक्षा पास की और ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग ली. दिल्ली के लाल किले से इनका सम्मान हुआ और तभी से जिले में इनकी पहचान बदल गई.

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'अब हम खुद आत्मनिर्भर हैं'

प्रभा अब गांव-गांव जाती हैं, अकेले दम पर ड्रोन उड़ाती हैं, फसलों में कीटनाशक स्प्रे करती हैं. सरकार की ओर से इन्हें ड्रोन वाहन उपलब्ध कराया गया. प्रभा वर्मा ने कहा, "पहले हम घर पर निर्भर थे, अब हम खुद आत्मनिर्भर हैं. लोग हमें अब नाम से नहीं, 'ड्रोन दीदी' कहकर बुलाते हैं."

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उषा यादव ने कहा, "हमने ग्वालियर जाकर ट्रेनिंग ली. शुरुआत आसान नहीं थी, लेकिन आज हम कई एकड़ की फसल में स्प्रे कर रहे हैं और लाखों कमा चुके हैं."

कलेक्टर ने की तारीफ 

वहीं, इस मामले पर विदिशा कलेक्टर रोशन सिंह कहते हैं, "ये दोनों महिलाएं जिले के लिए मिसाल बन चुकी हैं. इन्होंने तकनीक के साथ खुद को जोड़ा और आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम उठाया है."

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