Dr. Hari Singh Gour Central University 33th Convocation : मध्य प्रदेश के डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय का 33वां दीक्षांत समारोह शुक्रवार को आयोजित किया गया. समारोह में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए, वहीं मुख्य आकर्षण रहे पद्म विभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य, जिन्हें विश्वविद्यालय की ओर से पहली बार मानद डी.लिट की उपाधि से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के 957 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं.
भ्रष्टाचार पर किया कटाक्ष
समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी रामभद्राचार्य ने राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा, "नेता बनने से पहले आदमी के पास कुछ नहीं होता, लेकिन बनने के बाद सब कुछ हो जाता है." उन्होंने भ्रष्टाचार को देश की सबसे बड़ी समस्या बताया और कहा कि हर क्षेत्र में यह व्याप्त है, जिसे समाप्त करना बेहद जरूरी है.
छात्रों को ईमानदारी से काम करने की नसीहत
छात्रों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि वे जहां भी जाएं, ईमानदारी से काम करें और अपने देश, समाज और परिवार का नाम रोशन करें.
अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई
उन्होंने दीक्षांत समारोह के दौरान अंग्रेजी के अत्यधिक प्रयोग पर भी नाराजगी जताई. स्वामी जी ने कहा, "लग रहा था जैसे हम लंदन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में बैठे हों. सरकार हिंदी को बढ़ावा दे रही है, लेकिन यहां अंग्रेजी का बोलबाला देखकर दुख हुआ."
गडकरी ने युवाओं से किया आह्वान
समारोह में वर्चुअली जुड़ते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत को 'विश्व गुरु' बनाने की दिशा में युवाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के विचारों को उद्धृत करते हुए विद्यार्थियों से उनके बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया.
दीक्षांत समारोह में कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता, रजिस्ट्रार सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारीगण, छात्र-छात्राएं एवं उनके अभिभावक उपस्थित रहे. समारोह में उत्कृष्ट विद्यार्थियों को पदक एवं प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए.
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