Chitrakut Ashram: सतना जिले में सरकारी अनुदान प्राप्त आश्रम शालाओं की हालत कैसी है, इसकी बानगी वहां रह रहे एक मासूम से समझा जा सकता है, जिसके सिर में हुए फोड़े का इलाज नहीं किए जाने से कीड़ों ने अपना घर बना लिया. छात्रों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही का यह आलम किसी का भी फट जाएगा.
चित्रकूट क्षेत्र में संचालित रामनाथ आश्रम में रहता था पीड़ित छात्र
मामला चित्रकूट क्षेत्र में संचालित रामनाथ आश्रम शाला पीली कोठी का है, जहां पर जनजातीय वर्ग के छात्र रहकर पढ़ाई करते हैं. आश्रम में छात्रों के भोजन से लेकर आवास तक की सुविधा संस्थान देता है. इसके लिए उसे जनजातीय विभाग के द्वारा मोटा अनुदान दिया जाता है. बावजूद इसके बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर कोई ध्याान नहीं दिया गया.
इलाज के अभाव में सिर पर फोड़े से मासूम के सिर में पड़ गए कीड़े
रिपोर्ट के मुताबिक चित्रकूट में मुडख़ोहा मझगवा निवासी सुखेन्द्र सिंह का पुत्र हिमांशु सिंह आश्रम में रहता था. कुछ दिन पहले उसके सिर पर फोड़ा हुआ और इलाज के अभाव में उसके सिर में कीड़े पड़ गए. मासूम को मा्मले की जानकारी होने के बाद आश्रम शाला के प्रभारी द्वारा अस्पताल नहीं ले जाया गया.
असहनीय पीड़ा से कराह उठे मासूम के सिर ने निकले दर्जनभर कीड़े
मंगलवार को मासूम असहनीय पीड़ा से कराह उठा, तो दूसरे के माध्यम से पिता को मासूम की तबियत के बार में सूचना दी गई. आश्रम पहुंचे पिता ने मासूम को एक प्राइवेट डॉक्टर के पास इलाज के लेकर गया, जहां मासूम के सिर से डाक्टर ने दो दर्जन कीड़े निकाले. अब मामले पर मासूम के पिता ने आश्रम प्रभारी पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
अनुसूचित जाति के बच्चों की देखभाल के लिए विभाग देता है अनुदान
गौरतलब है अनुसूचित जाति विभाग आश्रम शालाओं में बच्चों के देखभाल लिए मोटा अनुदान दिया जाता है, लेकिन आश्रम प्रबंधन द्वारा बच्चों को उचित देखभाल नहीं किया जाता है. मामले पर डीओ जनताजीय कार्य विभाग कमलेश्वर सिंह ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया इसकी जानकारी मिली. उन्होंने कहा कि आश्रम में हुई लापरवाही को लेकर जल्द रिपोर्ट लूंगा.
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