धार जिला अस्पताल में CMHO के डॉक्टर पुत्र की मनमानी; गरीब आदिवासी मरीजों को निजी लैब भेजने का आरोप

Dhar News: गरीब और आदिवासी मरीज, जो यहां मुफ्त इलाज की उम्मीद लेकर आते हैं, उन्हें निजी लैब में भेजना न केवल शासन की योजनाओं के विपरीत है, बल्कि सीधे-सीधे उनके अधिकारों का हनन भी है. अब देखना यह होगा कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले में क्या ठोस कार्रवाई करता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
धार जिला अस्पताल में CMHO के डॉक्टर पुत्र की मनमानी; गरीब आदिवासी मरीजों को निजी लैब भेजने का आरोप

Dhar News: धार का भोज चिकित्सालय जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है. यहां से एक गंभीर मामला सामने आया है. इस अस्पताल में गरीब और आदिवासी मरीज इलाज के लिए आते हैं और शासन की ओर से उन्हें मुफ्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. लेकिन आरोप है कि अस्पताल में पदस्थ सीएमएचओ डॉ शिंदे के पुत्र जो खुद डॉक्टर हैं वे नियमों को दरकिनार करते हुए मरीजों को जांच के लिए अस्पताल के बजाय निजी लैब भेज रहे हैं. मरीजों को दी जा रही पर्चियों पर उनकी डिग्री और निजी सील लगी हुई है, ताकि संबंधित निजी लैब से उन्हें कमीशन मिलता रहे. इस तरह शासन की मंशा और गरीब मरीजों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

डॉक्टर ने क्या कहा?

जब इस संबंध में डॉक्टर शिंदे से बात की गई तो उन्होंने साफ कहा कि अस्पताल में सुविधा उपलब्ध नहीं है, ऐसे में मरीजों को बाहर भेजना उनकी मजबूरी है. वहीं जब उनसे यह पूछा गया कि सरकारी अस्पताल से निजी लैब भेजने के लिए पर्ची देना और उस पर निजी सील लगाना नियमों का उल्लंघन है, तो उन्होंने इसे गलत मानने से ही इंकार कर दिया.

इस पूरे मामले की जानकारी सिविल सर्जन डॉ. बर्मन को दी गई. उन्होंने कहा कि अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की व्यवस्था की जाएगी. हालांकि, यह तथ्य भी सामने आया कि जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की पोस्ट लंबे समय से खाली है. ऐसे में सवाल यह है कि जब पद ही रिक्त है तो आखिर व्यवस्था कैसे संभव है?

गरीब और आदिवासी मरीज, जो यहां मुफ्त इलाज की उम्मीद लेकर आते हैं, उन्हें निजी लैब में भेजना न केवल शासन की योजनाओं के विपरीत है, बल्कि सीधे-सीधे उनके अधिकारों का हनन भी है. अब देखना यह होगा कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले में क्या ठोस कार्रवाई करता है.

इस मामले पर सिविल सर्जन ने डॉक्टर शिंदे की कार्यशैली पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. इससे यह संदेह और गहरा हो रहा है कि सीएमएचओ के बेटे होने का फायदा उठाकर यहां पदस्थ डॉक्टर शिंदे को अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण मिल रहा है.

Advertisement

यह भी पढ़ें : MP के 27 मदरसों को लेकर बवाल! मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब, हिंदू बच्चों को लेकर BJP-कांग्रेस ने ये कहा

यह भी पढ़ें : पुण्यतिथि: भारत में बुलेट ट्रेन का सबसे पहले आइडिया देने वाले रेलमंत्री थे माधवराव सिंधिया, ऐसा था उनका जीवन

Advertisement

यह भी पढ़ें : संघर्ष से सफलता तक; MP सरकार की इस योजना से बदली एक मां की दुनिया

यह भी पढ़ें : Kidney Infection: 22 दिनों में 7वां मामला; MP में यहां किडनी में संक्रमण से हो रही है बच्चों की मौत

Topics mentioned in this article