दीपावली पर 'पटाखों पर पाबंदी'! सिर्फ दो घंटे जाला सकेंगे ग्रीन पटाखे; ग्वालियर कलेक्टर ने जारी किए आदेश 

Diwali Firecracker Ban in Gwalior: दीपावली पर ग्वालियर में पटाखों पर पाबंदी! कलेक्टर Ruchika Chauhan के आदेश के अनुसार नागरिक अब केवल ग्रीन पटाखे ही जला सकेंगे और वह भी सिर्फ रात 8 से 10 बजे तक. NGT और Supreme Court guidelines के तहत प्रदूषण नियंत्रण के लिए यह निर्णय लिया गया है.

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Diwali Firecracker Ban in Gwalior: इस बार दीपावली पर ग्वालियर के रहवासी मनचाहे समय तक पटाखे नहीं फोड़े जा सकेंगे. जिला कलेक्टर और दंडाधिकारी रुचिका चौहान ने त्योहार के दौरान ग्रीन पटाखों के लिए सिर्फ दो घंटे की अनुमति दी है. आदेश के मुताबिक लोग रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे फोड़ पाएंगे. इसका उद्देश्य वायु प्रदूषण पर नियंत्रण और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

केवल ग्रीन पटाखों की होगी अनुमति

कलेक्टर के आदेश के अनुसार, दीपावली पर केवल ग्रीन पटाखे ही जलाए जा सकेंगे. इनमें फुलझड़ी (Sparklers), अनार (Flowerpots) और मेरून (Maroons) शामिल हैं. ऐसे पटाखे जो बेरियम सॉल्ट या अन्य जहरीले रसायन का इस्तेमाल करते हैं, पूरी तरह प्रतिबंधित हैं. इसके अलावा लड़ी वाले पटाखे, यानी जुड़कर जलने वाले पटाखों का निर्माण, बिक्री और उपयोग भी नहीं किया जा सकेगा.

संवेदनशील इलाकों में सख्त प्रतिबंध

आदेश में साफ कहा गया है कि अस्पताल, नर्सिंग होम, स्कूल, धार्मिक स्थल और हेल्थ केयर सेंटर्स से 100 मीटर की दूरी के भीतर पटाखे नहीं फोड़े जा सकते. इन क्षेत्रों में किसी भी तरह की आतिशबाजी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

ऑनलाइन पटाखों की बिक्री पर रोक

कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे Amazon, Flipkart आदि से पटाखों की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है. केवल मान्यता प्राप्त विक्रेताओं से ही पटाखे खरीदे जा सकेंगे. साथ ही, पटाखों की आवाज 4 मीटर की दूरी पर 125 डीबी (A) से अधिक नहीं होनी चाहिए.

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जांचे जाएंगे पटाखों के सैंपल

निर्धारित मानकों के अनुरूप पटाखे बनाए और बेचे जा रहे हैं या नहीं, इसकी जांच के लिए PESO और मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्रयोगशालाओं में सैंपल टेस्ट किए जाएंगे. आदेश में कहा गया है कि जो भी पटाखे ध्वनि या रासायनिक मानकों पर खरे नहीं उतरेंगे, उनकी बिक्री रोक दी जाएगी.

प्रदूषण की मॉनिटरिंग होगी सख्त

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत दीपावली से 7 दिन पहले और 7 दिन बाद तक, यानी कुल 14 दिन, वायु गुणवत्ता की लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी. इस दौरान एल्युमिनियम, बेरियम और आयरन जैसे प्रदूषकों के स्तर का विश्लेषण किया जाएगा. सभी प्रयोगशालाओं को इसके निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

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पटाखों के कचरे का होगा निपटान  

कलेक्टर रुचिका चौहान ने चेतावनी दी है कि पटाखे जलने के बाद कागज़ के टुकड़े या अधजली बारूद को खुले में न फेंका जाए, क्योंकि इससे पशुओं और बच्चों को खतरा हो सकता है. सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे पटाखों के बाद बचे कचरे को अलग स्थान पर इकट्ठा करें और नगर निगम के कर्मचारियों को सौंपें. नगर निगम इस कचरे के उचित निपटान की जिम्मेदारी उठाएगा. कलेक्टर ने जिले के सभी पुलिस अधिकारियों, नगर निगम आयुक्त, एसडीएम और पंचायत अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.  

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