बालाघाट में डायवर्सन पुल टूटा, मरीज को खाट पर ले जा रहे हैं परिजन

मध्यप्रदेश के बालाघाट में मानकुवर नदी पर बना डायवर्सन पुल टूट गया है. पिछले साल मुख्य पुल भी टूट गया था लेकिन अभी तक उसका निर्माण नहीं हुआ है. जिससे लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं. मरीजों को भी घाट पर लेटकर जाना पड़ रहा है.

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देश के अलग-अलग इलाकों में बारिश का दौर जारी है...जिसकी वजह से पुल वैगरह के टूटने की तस्वीरें आप खूब देखते होंगे. लेकिन मध्यप्रदेश के बालाघाट से ऐसी तस्वीर सामने आई है जो पुल टूटने के बाद होने वाली परेशानियों को बयां करती हैं. ये तस्वीरें प्रशासन की मुस्तैदी की पोल खोलती हैं. मामला बालाघाट के लामता के नैनपुर मार्ग का है. यहां मानकुवर नदी के डायवर्सन पुल टूटने के बाद 15 से ज्यादा गावों का संपर्क शहर से टूट गया. हद ये है कि ये पुल एक साल से टूटा हुआ है लेकिन प्रशासन को इसकी मरम्मत कराने की फुर्सत नहीं मिली.  NDTV ने जब इलाके के डीएम से मामले पर सवाल किया तो DM साहब ने भी पुख्ता जवाब दिया. 

पुल का टेंडर हो चुका है, जल्द ही निर्माण किया जाएगा. जाहिर तब तक लोगों को जान जोखिम में डाल कर इस पार से उस पार जाना होगा.

गिरीश कुमार मिश्रा

कलेक्टर, बालाघाट

यहां की हालत ये है कि यदि गांव में कोई शख्स बीमार हो जाए तो एंबुलेंस पुलिया तक ही उसे लेकर आ पाती है. इसके बाद का सफर मरीज को खाट पर लेटकर पूरा करना होता है. गांव वालों का कहना है कि उनकी मजबूरी है और वे अक्सर ऐसे ही नदी पार करते हैं लेकिन जब पानी बढ़ जाता है तो वे इस बार ही बंध कर रह जाते हैं.

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अच्छी बात ये है कि मरीजों को लाने ले जाने में स्थानीय लोग खुले दिल से मदद करते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो पुल लंबे समय से क्षतिग्रस्त है और उसका निर्माण किया जा रहा है. मुख्य पुल के टूटने की वजह से डायवर्जन पुल बनाया गया था. जो पिछले दो महीने में पानी के बहाव के कारण दो बार बह चुका है.

जिसकी वजह से लामता से नैनपुर मार्ग का संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है. जिसकी वजह से नदी के दोनों छोरों पर बसे लोगों को मानकुवर नदी पार करने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 

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