ये है भारत का इकलौता जिला जो दो राज्यों में आता है, नहीं जानते होंगे आप, जानें इसकी खासियत

District Comes In Two States: भारत के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग जिले मौजूद हैं. यहां कुल 797 जिले मौजूद हैं. इनमें से 752 जिले राज्यों में हैं, तो 45 जिले केंद्र शासित प्रदेशों में हैं.

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District comes in two states in India: भारत के हर एक शहर की अपनी अलग-अलग पहचान है. सभी अपने साथ बहुत सारे रहस्य और इतिहास समेटे हुए हैं. कोई शहर प्राकृतिक सौंदर्य के लिए तो कोई शहर मंदिर के लिए जाना जाता है, तो किसी शहर को कारखाने के लिए पहचाना जाता है. कोई शहर किताबों के लिए प्रसिद्ध है, तो कुछ शहर कपड़ों के लिए फेमस है. कहीं नदियों का संगम लोगों को अपनी और खींचता है, तो कोई शहर प्राचीन कलाओं के लिए जाना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं भारत का एक ऐसा इकलौता जिला है, जो दो राज्यों में आता है.

अक्सर सिविल परीक्षा की तैयारी कर रहे प्रतियोगियों से ऐसे सवाल पूछ लिए जाते हैं. इसके अलावा सामान्य ज्ञान के लिहाज से भी इसका जवाब पता होना बेहद जरूरी है.

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UP और MP में आता है ये जिला

दरअसल, इस जिले का नाम चित्रकूट है, जो एक तरफ उत्तर प्रदेश में है, तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में है. अब आपके मन में सवाल होगा कि यह किस प्रकार दो राज्यों में हो सकता है. बता दें कि चित्रकूट जिले की चार तहसील-करवी, राजापुर, मऊ, और मानकपुर उत्तर प्रदेश में हैं, जबकि चित्रकूट नगर मध्य प्रदेश के सतना जिले में आता है. इस प्रकार इस जिले को दो राज्यों में माना जाता है.

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जानें चित्रकूट की खासियत

चित्रकूट का हिंदू धर्म के लिए बेहद खास है. दरअसल, पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, वनवास के दौरान भगवान श्रीराम यहां ठहरे थे. चित्रकूट में कई धार्मिक स्थल हैं. जहां दूर-दूर से लोग घूमने आते हैं. कहा जाता है कि भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने अपने वनवास के 14 वर्षों में से 11 वर्ष चित्रकूट में ही बिताए थे. यह स्थान रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण में विस्तार से वर्णित है. कामदगिरि पर्वत यहां भगवान राम के निवास का प्रतीक है. जिसकी परिक्रमा को पुण्यदायी माना जाता है.

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इसके अलावा यहां एक गुप्त गोदावरी गुफा है. ऐसा कहा जाता है कि यहां भगवान राम और लक्ष्मण काफी समय बिताए थे. यहां के प्रमुख स्थलों में हनुमान धारा, सती अनुसुइया आश्रम और भरतकूप है. इसके साथ ही यहां मंदाकिनी नदी बहती है, जो काफी पवित्र माना जाता है. बता दें कि तुलसीदास, संत कबीर और संत रैदास जैसे महापुरुषों ने चित्रकूट में समय बिताया है.

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