अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट: बुजुर्ग दंपती से 58 करोड़ की ठगी, 40 दिन तक यूं रखा 'डिजिटली कैद'

Digital Arrest Scam Mumbai: महाराष्ट्र में एक बुजुर्ग निवेशक दंपती को साइबर ठगों ने खुद को ईडी और सीबीआई अफसर बताकर 40 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और उनसे 58 करोड़ रुपये ठग लिए. पुलिस ने गुजरात-राजस्थान से 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर 6,000 बैंक अकाउंट फ्रीज़ किए हैं. इसे भारत का अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट केस माना जा रहा है.

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Digital Arrest Scam Mumbai: देश में तेजी से बढ़ते डिजिटल अरेस्ट मामलों के बीच महाराष्ट्र से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक बुजुर्ग दंपती को साइबर ठगों ने 40 दिन तक डिजिटली अरेस्ट करके उनसे 58 करोड़ रुपये की ठगी कर ली. इसे अब तक का भारत का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट केस माना जा रहा है.

महाराष्ट्र एडीजी यशस्वी यादव के अनुसार, 10 अक्टूबर 2025 को बुजुर्ग कपल ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि एक साइबर गैंग ने खुद को ED और CBI अधिकारी बताकर उन्हें 40 दिन तक मानसिक रूप से बंधक बनाए रखा और उनके बैंक खातों से करोड़ों रुपये ट्रांसफर करवा लिए.

मुंबई पुलिस को बड़ी सफलता तब मिली जब डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड में शामिल एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया गया. गुजरात और राजस्थान से 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें वे भी शामिल हैं जिन्होंने इस बड़ी ठगी को अंजाम दिया था.

कैसे दिया वारदात को अंजाम?

India's Biggest Digital Arrest Scam की जांच में सामने आया कि यह गिरोह बेहद प्रोफेशनल तरीके से काम करता था और शिक्षित लोगों को भी आसानी से अपने जाल में फंसा लेता था. ये आरोपी खुद को एटीएस, एनआईए या ईडी अधिकारी बताकर लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देते थे. गिरोह के खिलाफ देशभर के 13 राज्यों में 31 से ज़्यादा मामले दर्ज हैं.

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कैसे हुआ ‘डिजिटल अरेस्ट'?

साइबर ठगों का शिकार बना यह बुजुर्ग कपल मुंबई का एक प्रसिद्ध निवेशक परिवार है. ठगों ने वीडियो कॉल पर फर्जी पुलिस स्टेशन और कोर्टरूम तक रिक्रिएट कर दिया था. आरोपी हर दो घंटे में कपल से “पूछताछ” करते और चेतावनी देते कि अगर उन्होंने किसी को बताया तो उन पर ED या CBI का केस दर्ज होगा.

29 सितंबर को उनके खाते से आख़िरी ट्रांजैक्शन हुआ. इसके बाद दंपती ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. अधिकारी बताते हैं कि यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा व्यक्तिगत डिजिटल स्कैम है. कपल इतने मानसिक दबाव में था कि वह अत्यधिक तनाव की स्थिति में पहुंच गया था. महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने अब तक गिरोह के करीब 6,000 बैंक अकाउंट फ्रीज़ किए हैं और ठगी गई रकम की रिकवरी की प्रक्रिया जारी है.

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गिरोह का मास्टरमाइंड

पुलिस के अनुसार, युवराज उर्फ मार्को इस गैंग का मुख्य सरगना है, जो पिछले दो से तीन साल से साइबर ठगी में सक्रिय है. बाकी आरोपी बैंक अकाउंट और सिम कार्ड उपलब्ध कराने का काम करते थे. गिरोह के तार महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, तेलंगाना, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, केरल और पश्चिम बंगाल से जुड़े हुए हैं. 

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