Alert: ग्वालियर में साइबर ठगों ने 29 घंटे तक किया डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट, 21 लाख गंवाए 

Digital Arrest: Gwalior डॉक्टर को साइबर ठगों ने 29 घंटों तक घर में डिजिटल अरेस्ट कर रखा. इस दौरान 21 लाख रुपये खाते में ट्रांसफर कराए. दें….

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Gwalior Digital Arrest: ग्वालियर में डिजिटल अरेस्ट की  घटनाएं रुकने का नाम नही ले रहीं हैं. यहां एक बार फिर ठगों ने एक  डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. आयुर्वेदिक डॉक्टर को ठगों ने 29 घंटे 17 मिनट तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा और उससे 21 लाख रुपये ठग लिए हैं. डॉक्टर को आरोपियों ने उनके आधार नंबर पर एक महालक्ष्मी ट्रांसपोटेशन कंपनी बनाकर करोड़ों रुपए मनी लौंड्रिंग के जरिए इधर उधर करने की बात कहकर डराया था.

डॉक्टर से ठग लिए 21 लाख रुपये

जब डॉक्टर ने इनकार किया कि उसकी ऐसी कोई कंपनी नहीं है तो उसे परिवार सहित गिरफ्तार कर उमकैद की बात कहकर डराया गया. आखिरी में मदद का आशवासन देकर CBI के ऑफिसर के नाम से  बात की. उनके अकाउंट में जमा 21 लाख रुपये अपने अकाउंट में RTGS कराने के बाद छोड़ा है. इसके बाद डॉक्टर को अहसास हुआ कि वह ठगा गया है. डॉक्टर की शिकायत पर  पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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बता दें कि डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट का यह दूसरा मामला है. इससे पहले एक लेडी डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर लगभग 40 लाख रुपये ठगे गए थे.

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डॉक्टर को 29 घंटे 17 मिनट तक डिजिटल अरेस्ट रखा

ग्वालियर के गोला का मंदिर थाना क्षेत्र के हनुमान नगर निवासी मुकेश शुक्ला आयुर्वेदिक डॉक्टर है. 29 नवंबर की सुबह मोबाइल पर एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने उनसे बातचीत करते हुए कहा था कि वह आईटी कंपनी से बोल रहा है और उनके नाम पर चल रही महालक्ष्मी ट्रांस्पोटेशन कंपनी पर 9 लाख 40 हजार 44 रुपये की रिकवरी निकली है. जब उन्होंने महालक्ष्मी ट्रांस्पोटेशन कंपनी उनकी ना होने की बात कही तो कॉल करने वाले ने बताया कि कंपनी तो आपके आधार नंबर पर ही बनी है. इसके बाद भी डॉक्टर ने कहा कि उसने न कोई कंपनी बनाई है न ही वह महालक्ष्मी ट्रांसपोटेशन कंपनी के बारे में जानता है. इस पर कॉल करने वाले ने कहा कि लगता है कि आपका आधार कार्ड का गलत उपयोग किया गया है.

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ठगों ने ऑनलाइन FIR में मदद करने का किया वादा

इसके बाद उसने पुलिस मुख्यालय दिल्ली में दो घंटे में शिकायत करने के लिए कहा. ऐसा नहीं करने पर उनकी गिरफ्तारी की बात कही. इस पर बुजुर्ग डॉक्टर घबरा गया. डॉक्टर ने कहा कि वह ग्वालियर में हूं और दो घंटे में दिल्ली कैसे पहुंच सकता हूं. इस पर कॉल करने वाले दिल्ली पुलिस में ऑनलाइन एफआईआर में मदद करने के लिए वादा किया. कॉल करते ही आरोपी ने मनी लॉन्ड्रिंग का जाल बिछाया इसके बाद डॉक्टर को कॉल करने वाले ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में पदस्थ सब इंस्पेक्टर अजय शर्मा का मोबाइल नंबर दिया और कहा कि आप इनको कॉल कीजिए. मैं भी उनको आपकी मदद के लिए बोलता हूं. जब उन्होंने अजय शर्मा से कॉल लगाकर बातचीत की तो अजय शर्मा ने उनके दस्तावेज मांगे और बताया कि उनके आधार कार्ड पर मनी लाड्रिंग का मामला दर्ज है.

ठगों ने गिरफ्तारी वारंट भी दिखाया

कुछ दिन पहले मनीष चौधरी के यहां पर CBI की रेड हुई थी. वहां आपका यह आधार कार्ड मिला था, जिस पर करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ है. इसके बाद अजय ने डॉक्टर का फोटो लगा गोल्डन कार्ड दिखाया. साथ ही गिरफ्तारी वारंट भी दिखाया. जिसे देखने के बाद उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. इसके बाद अजय शर्मा ने उन्हें मजिस्ट्रेट के यहां से जारी हुआ वारंट दिखाया, जिसमें उसका फोटो और नाम से गिरफ्तारी वारंट था. इसके बाद उन्हें उन्होंने उसे निगरानी में होने की कही.

गिरफ्तारी के नाम पर डॉक्टर को डराया 

आरोपी लगातार वीडियो कॉलिंग से नजर रखे हुए थे. इसके बाद कथित सब इंस्पेक्टर अजय ने आगे मदद करने के लिए CBI अधिकारी प्रवीण सूद से बात कराई. उन्होंने भी गिरफ्तारी के नाम डराया फिर मदद का आश्वासन दिया. CBI अधिकारी ने कहा कि फ्रॉड आपके पीछे पड़े हैं, वह आपके अकाउंट को ऑपरेट कर रहे हैं. यदि आप निर्दोष हो तो हम आपकी मदद करेंगे. फिर अकाउंट डिटेल लेकर उसमें जमा पैसा CBI पुलिस के अकाउंट में RTGS करने के लिए कहा. अगले दिन डॉक्टर ने अपने अकाउंट से 21 लाख रुपये आरटीजीएस करा दिए. इसके बाद वीडियो कॉल कट कर दिया गया.

पुलिस कर रही मामले की जांच 

परेशान डॉक्टर ने अपने मिलने वाले एक परिचित को बताया कि वह अभी पुलिस की निगरानी में है और गिरफ्तारी से बचा है. इस पर परिचित को शंका हुई और उन्होंने ठगी होने की आशंका के साथ पुलिस से शिकायत करने के लिए कहा. हिम्मत कर डॉक्टर साइबर सेल पहुंचे और शिकायत की. मामला समझते ही पुलिस अफसरों की समझ में आ गया कि वह डिजिटल अरेस्ट के शिकार हुए है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. इस मामले में टीआई क्राइम ब्रांच अजय पवार ने कहा कि एक आयुर्वेदिक डॉक्टर को ठगों ने मनी लौंड्रिंग में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की बात कहकर डराया और गिरफ्तारी व उम्रकैद की धमकी देकर 21 लाख रुपये ठग लिए हैं. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

गौरतलब है कि बीते एक साल में डिजिटल अरेस्ट कर यहां पांच लोगों के साथ डेढ़ करोड़ से ज्यादा की ठगी की जा चुकी है. 

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