MP के इस जिले में जारी है डायरिया का कहर, अब तक गई सात लोगों की जान

Diarrhea in MP: बिते कई दिनों से मंडला जिले में लोगों को डायरिया ने परेशान कर रखा है. यहां के अस्पताल उल्टी और दस्त के मरीजों से पूरी तरह भरे हुए है. हाल ये है कि अब तक कुल सात लोगों की जान भी जा चुकी है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अस्पतालों में मरीजों की लगी लाइन

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मंडला (Mandla) जिले में डायरिया (Diarrhea) का कहर लगातार जारी है. बीते 15 दिनों में जंहा जिले के ग्राम ठरका, देवहारा बम्हनी और माधोपुर में डायरिया से अब तक सात लोगों की जान गई है. वहीं, सैकड़ों लोग उल्टी दस्त का शिकार हो चुके है. जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (Primary Health Centre) से लेकर जिला अस्पताल में उल्टी-दस्त से पीड़ितों की लंबी कतारें लगी हुई है. अब तक उल्टी और दस्त से जहां जनपद घुघरी के ग्राम देवहारा सरई टोला में चार और बिछिया जनपद के ग्राम माधोपुर में तीन जाने गई हैं, वहीं, ग्रामीणों द्वारा उल्टी और दस्त की वजह संक्रमित पानी बताया जा रहा है.

दूषित पानी बनी जानलेवा

ज्यादातर ग्रामीण लोग दूषित पानी पीने से बीमार हो रहे हैं. जिले में महामारी का रूप ले रहे डायरिया की जांच के लिए शनिवार को मेडिकल कॉलेज जबलपुर से 11 सदस्यीय जांच टीम जिले के भ्रमण पर है. वहीं, ग्रामीणों की मानें तो जिले के ग्रामों में हैंडपंप और पीएचई विभाग द्वारा संचालित नल जल योजना का पानी प्रदूषित हो चुका है. अनेक गांवों में पेयजल के साधन न होने से लोग कुंए और नदी नालों का पानी पीने के लिए मजबूर है. मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी कहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग का महकमा जहां पीड़ितों के इलाज, दवाइयों के वितरण और लोगों को जागरूक करने में लगा है, तो दूसरी तरफ शुद्ध पेयजल का जिम्मा संभालने वाले पीएचई विभाग की लापरवाही साफ नजर आती है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें :- CG News: छत्तीसगढ़ के इस सरकारी स्कूल की गिर गई छत, बाल-बाल ऐसे बच गए छात्र

सरकार के कई मिशन फेल

विभाग के जल जीवन मिशन की नल जल योजना और जल निगम के माध्यम से साफ पानी के लिए करोड़ों खर्चने के बाद भी ग्रामीण दूषित पानी पीने के लिए मजबूर है. हालांकि पीएचई के मनोज भास्कर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की बात कह रहे है और बताते हैं कि जहां भी दूषित पानी की संभावना है, वहां दवाओं का छिड़काव और जहां गंदे पानी की सप्लाई है, वहां पाइपलाइन से पानी सप्लाई बंद कर टैंकरों के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें :- MP News: केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट से बदल जाएगी बुंदेलखंड की तस्वीर, विस्थापितों को जल्द मिलेगा मुआवजा

Topics mentioned in this article