42 साल बाद भी पूरा वेतनमान नहीं मिला साहब! रिटायर्ड शिक्षक ने कलेक्टर से लगाई न्याय की गुहार

Dhar News: रिटायर्ड शिक्षक योगेशचन्द्र बड़ोले ने कहा कि "मैंने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से 40 से अधिक वर्षों तक सेवा की, लेकिन आज तक मेरा वेतनमान ठीक से दर्ज नहीं हुआ. प्राचार्य और सहायक आयुक्त तक ने आदेश जारी किए, फिर भी भुगतान नहीं हुआ. अब मैंने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि मुझे मेरा हक दिलाया जाए."

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Dhar News: रिटायर्ड शिक्षक का दर्द

Dhar News: मध्यप्रदेश के धार जिले से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक सेवानिवृत्त शिक्षक ने अपने पहले नियुक्ति दिवस से वेतनमान के एरियर भुगतान को लेकर कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है. शिक्षक का कहना है कि उन्हें दशकों तक वेतन में घोर अनियमितता का सामना करना पड़ा. धरमपुरी निवासी योगेशचन्द्र बड़ोले, जो शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धरमपुरी से 31 अक्टूबर 2023 को सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्होंने कलेक्टर धार के नाम एडीएम को एक आवेदन सौंपा है. आवेदन में उन्होंने बताया है कि वर्ष 1980 में नियुक्ति के बाद से उन्हें शासन द्वारा निर्धारित वेतनमान का पूरा लाभ नहीं मिल पाया.

इतने वर्षों तक दी सेवा

वर्ष 1980 से 1986 तक उन्होंने मात्र 150 रुपये प्रतिमाह की निश्चित दर पर वेतन प्राप्त किया और बाद में यह राशि क्रमशः 169-300 तथा 545-925 तक पहुंची. हालांकि, इस बीच शासन द्वारा जो पुनरीक्षित वेतनमान लागू किए गए, उसका लाभ उन्हें कभी नहीं दिया गया.

पीड़ित का क्या कहना है?

रिटायर्ड शिक्षक योगेशचन्द्र बड़ोले ने कहा कि "मैंने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से 40 से अधिक वर्षों तक सेवा की, लेकिन आज तक मेरा वेतनमान ठीक से दर्ज नहीं हुआ. प्राचार्य और सहायक आयुक्त तक ने आदेश जारी किए, फिर भी भुगतान नहीं हुआ. अब मैंने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि मुझे मेरा हक दिलाया जाए."

बड़ोले ने बताया कि उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कई बार आवेदन दिए, और नवंबर 2024 में सहायक आयुक्त द्वारा आदेशित भी किया गया कि उन्हें प्रथम नियुक्ति दिनांक से वेतन पुनर्नियमित कर भुगतान किया जाए, लेकिन आज तक इसका क्रियान्वयन नहीं हुआ.

इतना ही नहीं, सेवा पुस्तिका में जरूरी प्रविष्टियां भी दर्ज नहीं की गईं, जिससे अर्जित अवकाश का लाभ भी उन्हें नहीं मिल पाया.

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अब देखना यह होगा कि क्या धार जिला प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सेवानिवृत्त शिक्षक को उसका वेतनमान और एरियर दिला पाएगा या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा. शिक्षक योगेशचन्द्र बड़ोले ने जीवन भर सेवा की. अब वे सिर्फ न्याय और सम्मान की उम्मीद कर रहे हैं.

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