शिक्षिकाओं की प्रताड़ना से तंग छात्रा ने किया सुसाइड, दो टीचर्स को स्कूल से तो एक को नौकरी से किया बाहर 

MP News: छात्रा पार्वती वर्मा ने अपने सुसाइड नोट में इन तीनों महिला शिक्षक के नाम लिखे हैं, जिनकी प्रताड़ना से तंग आकर उसने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाया था .

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के धार जिले के मनावर में एक सरकारी स्कूल की छात्रा के सुसाइड करने के मामले में तीन महिला शिक्षकों को हटा दिया गया है. दो का ट्रांसफर कर दिया गया है जबकि एक शिक्षिका को नौकरी से ही बाहर कर दिया गया है. 

ये है मामला

दरअसल मनावर के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाली 17 वर्षीय पार्वती वर्मा ने तीन महिला टीचर की प्रताड़ना से तंग आकर 15 अगस्त को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी . इस घटना से मनावर में स्वतंत्रता दिवस का उल्लास मातम में बदल गया था. विद्यार्थी परिषद सहित बड़ी संख्या में लोगों ने छात्र का शव रखकर चक्का जाम कर प्रदर्शन किया था. 

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यहां किया ट्रांसफर 

घटना की गंभीरता को देखते हुए जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त नरोत्तम वरकड़े ने कार्रवाई करते हुए प्रभारी प्राचार्य सारिका ठाकुर मूल पद उच्चतर माध्यमिक शिक्षक कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मनावर को तत्काल प्रभाव से हटाकर पीएम कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बकानेर विकासखंड उमरबन भेज दिया. इसी प्रकार शिक्षिका लक्ष्मी मंडलोई को तत्काल प्रभाव से हटाकर सीतापुरी संकुल केंद्र हाई स्कूल स्थानांतरित कर दिया गया है . जबकि अतिथि शिक्षक आरती चौहान को अतिथि शिक्षक के दायित्व से मुक्त कर दिया गया है. 

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छात्रा पार्वती वर्मा ने अपने सुसाइड नोट में इन तीनों महिला शिक्षक के नाम लिखे हैं, जिनकी प्रताड़ना से तंग आकर उसने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाया था .इस घटना को लेकर मनावर पुलिस भी गंभीरता से जांच कर रही है. पुलिस ने अभी तक मृतक छात्रा के परिजनों तथा उसकी सहेलियों से पूछताछ कर चुकी है .
    
आपको बताते दें कि धार जिले में अनेक स्कूलों एवं छात्रावास में टीचर्स  और छात्रावास अधीक्षकों द्वारा छात्र-छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार करने की घटनाएं हो चुकी है और इसको लेकर छात्र-छात्राओं ने जिला प्रशासन तक अपनी शिकायतें दर्ज कराई थी. लेकिन शिकायतों पर कोई गंभीरता से नहीं लिया गया. कार्रवाई नहीं होने के परिणामस्वरूप आज भी स्कूल व छात्रावास में छात्र-छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है. 

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यदि प्रशासन द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो आने वाले समय में ऐसी दुखद घटनाएं आगे भी होने की आशंका बनी रहेगी, जिसका खामियाजा बेगुनाह छात्र-छात्राएं उठाने को मजबूर रहेंगे.
        
इस घटना को लेकर विद्यार्थी परिषद काफी उत्तेजित नजर आ रहा है. विद्यार्थी परिषद के नेताओं का सीधा तौर पर आरोप है कि मनावर की यह घटना आत्महत्या नहीं सीधे तौर पर हत्या है जिसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. अन्यथा विद्यार्थी परिषद आगे भी छात्र को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन रहेगा.

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