Karam Dam: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े कारम डैम का फिर होगा निर्माण, इस बार है ऐसी तैयारी

MP News: मध्य प्रदेश के धार जिले के धरमपुरी तहसील के अंतर्गत निर्माणाधीन कारम बांध जो आज से ढाई साल पहले सुर्खियों में तब आया था जब इस बांध के फूटने से 18 गांवों के हजारों लोगों की जान जोखिम में आ गई थी. हालांकि प्रदेश सरकार की और से आपदा नियंत्रण के उपाय किए जाने से कोई बड़ा हादसा नहीं हो सका था. अब इस बांध के पुनर्निमाण का काम शुरू हो गया है. 

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MP News: मध्य प्रदेश के धार जिले के धरमपुरी तहसील के अंतर्गत निर्माणाधीन कारम बांध जो आज से ढाई साल पहले सुर्खियों में तब आया था जब इस बांध के फूटने से 18 गांवों के हजारों लोगों की जान जोखिम में आ गई थी. हालांकि प्रदेश सरकार की और से आपदा नियंत्रण के उपाय किए जाने से कोई बड़ा हादसा नहीं हो सका था. अब इस बांध के पुनर्निमाण का काम शुरू हो गया है. 

ढाई साल पहले तकनीकी खामियों की वजह से कारम बांध में बड़ा रिसाव हो गया था, जिसकी जल संसाधन विभाग को खबर भी नहीं थी. बांध से हो रहे रिसाव की जानकारी सोशल मीडिया पर तैजी से फैली और तात्कालिन कलेक्टर पंकज जैन ने इसे गंभीरता लिया और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ बांध स्थल पर पहुंचे. विशेषज्ञों की देखरेख में तीन दिन की कड़ी मशक्कत के बाद बांध को फोड़कर पानी निकाला गया था. इसके पूर्व बांध के निचले इलाकों में रहने वाले गरीब परिवारों के हजारों ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया था, जिससे उनकी की जान बच पाई.

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दोषी ठेकेदार को ही पुनः निर्माण कार्य सौंपा गया

ढाई साल पहले कारम बांध में हुई घटना की जांच चलने से बांध का एक तरफ का हिस्सा टुटा पड़ा हुआ था. जांच पूरी होने के बाद दोषी ठेकेदार को ही पुनः निर्माण कार्य सौंपा गया, जिसने इसी माह से बांध का कार्य आरंभ कर दिया. बांध स्थल पर वर्तमान में डंपर से मिट्टी ले जाने के लिए जेसीबी की मदद से रास्ता बनाया जा रहा है.  जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री चौहान के अनुसार पूर्व में हुई तकनीकी खामियों को देखते हुए निर्माण के दौरान पहले जो काम रह गए थे उसे पूरा किया जाएगा उसके बाद ही टूटे हुए हिस्से का काम चालू किया जाएगा, जिससे कोई और आपदा नहीं आ सकें. इस बार प्रशासन भी निर्माण को लेकर अपनी पैनी नजर बनाकर रखेगा. 

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304 करोड़ रुपये की आई थी लागत

304 करोड़ रुपये की लागत से कारम बांध का निर्माण किया गया था, जहां 11 अगस्त 2022 में बांध में रिसाव होने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया था. बांध फूटने के डर से कई गांवों को खाली करवाया गया था. बांध में एक तरफ से चैनल बनाकर बांध को फोड़कर पानी की निकासी की गई. पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री सहित कई प्रमुख लोग इस बांध पर निगरानी रखे हुए थे. दो साल से कारम बांध टूटा पड़ा हुआ है. तब से ही राज्य से लेकर केंद्र सरकार की टीम द्वारा बारीकी से जांच की गई थी. कारम बांध का निर्माण कार्य जो पहले ठेकेदार द्वारा किया गया था उसी ठेकेदार से अनुबंध के तहत, काम करवाया जा रहा है. ठेकेदार द्वारा बारिश के पहले खाली पड़ा कुंदा तालाब से बड़ी संख्या में तीन-चार पोकलेन चलाकर, काली मिट्टी निकाली गई जो धानी स्थित एक खाली पड़े मैदान में अभी एकत्रित कर ली गई थी. बारिश के बाद काम चालू करने की प्रक्रिया थी, जिसके लिए ठेकेदार द्वारा पुनः निर्माण कार्य चालू कर दिया गया. 
     

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42 गांवों के किसानों को होगा फायदा, उठे सवाल 

कारम बांध बनने से 42 गांवों के किसानों को लाभ  मिलेगा. इनमें धरमपुरी के 27, उमरबन के 7 और महेश्वर तहसील के 8 गांव शामिल हैं. इधर धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक पांचिलाल मेढ़ा ने कारम बांध के पुनः निर्माण को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं. कारम बांध प्रभावित परिवारों का पुनर्वास भी पूरी तरह से नहीं किया गया यहां तक कि उन्हें उचित मुआवजा भी आज तक नहीं मिला है यह शिकायत बांध प्रभावित परिवारों की आज भी लंबित है. इसके अलावा बांध टूटने के बाद निचले इलाकों मैं रहने वाले गरीब किसानों की खड़ी फसल बह गई थी. खेती की जमीन पर पानी के साथ आए बड़े-बड़े पत्थरों व रेती से खेत बर्बाद हो गए. इसका उन्हें आज तक मुआवजा नहीं मिला है. इसका उन्हें आज भी इंतजार है. जल संसाधन विभाग के अधिकारी का कहना है कि प्रभावित किसानों से चर्चा कर उन्हें उचित मुआवजा दिलाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

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