Maihar Dhan Kharidi: धान उपार्जन सत्र 2025-26 के तीन दिन गुजर चुके हैं और मैहर जिले के खरीदी केन्द्रों का हाल बेहाल रहा. मैहर जिले में स्थापित कुल 35 केन्द्रों की बोहनी नहीं हो पाई. उल्लेखनीय है कि उपार्जन समिति के द्वारा समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए कुल 48 केन्द्र बनाए गए हैं. जिनमें से स्थापना 35 केन्द्रों की हुई, लेकिन अब तक अधिकांश केन्द्र का खाता नहीं खुला. अभी भी खरीदी केंद्र संचालन करने वाले केवल सफाई करा रहे हैं.
20 लाख क्विंटल खरीदी का लक्ष्य
मैहर में चालू सत्र के तहत कुल 20 लाख क्विंटल धान का उपार्जन करने का लक्ष्य शासन ने निर्धारित किया है. बीते सोमवार से शुरू हुई खरीदी के लिए किसानों ने स्लॉट तो बुक किए, लेकिन अपेक्षाकृत पहुंचने की रफ्तार बेहद कम रही. कृषि उपज मंडियों में बनाए गए खरीदी केन्द्रों में उपज बेचने किसान पहुंचे, जबकि समिति स्तरीय और वेयरहाउस में स्थापित केन्द्रों में खरीदी कम ही हुई. मैहर में आंकड़ा 20 लाख क्विंटल का निर्धारित किया गया है.
स्थलों को लेकर परेशानी
उपार्जन समिति ने मैहर जिले में करीब 30 केन्द्र वेयरहाउस के परिसर में स्थापित किए हैं, जबकि कई केन्द्र कृषि उपज मंडियों में भी बनाए गए हैं. वहीं करीब 18 ऐसे खरीदी केन्द्र हैं जहां का स्थान उपार्जन कार्य के लिए उपयुक्त नहीं है. ऊबड़-खाबड़ सतह और किसानों के रुकने और अलाव की व्यवस्था न होने के चलते किसान उन्हीं केन्द्रों का रुख कर रहे हैं, जहां पर औसत स्तर पर सुविधाएं हों. स्थान की परेशानी के संबंध में अधिकारियों को जानकारी है... फिर भी मनमानी तरीके से समिति स्तरीय केन्द्रों को खोलने की अनुमति दी गई है. कई सोसाइटियों को दो-दो केंद्र देकर परेशानी का ग्राफ अधिकारियों ने ही बढ़ा रखा है.
केंद्रों में नहीं पहुंच रहा वारदाना
ई-उपार्जन के तहत समर्थन मूल्य में धान खरीदी 1 दिसंबर से शुरू हो गई है, लेकिन स्थिति ये है कि अभी तक खरीदी केंद्रों में वरदाने नहीं पहुंचे... जिससे खरीदी केंद्रों को प्रबंधकों द्वारा खुलने में दिक्कतें आ रही है. वारदाना नहीं पहुंचने के चलते खरीदी नहीं हो पा रही है.
वारदाने में नहीं आ रहा निर्धारित वजन
धन उपार्जन सत्र 2025- 26 में राज्य शासन के द्वारा 40 किलो 500 ग्राम वजन बोरियों में भरने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन जब समिति प्रबंधकों के द्वारा धान की तौल कराई जा रही है तब उसमें 37 किलोग्राम से अधिक वजन नहीं आ रहा ऐसे में तमाम समितियां ने पंचनामा तैयार कर जिला प्रशासन से मार्गदर्शन मांगा है। समिति प्रबंधकों का कहना है कि यदि बोरियों का वजन तौला जाएगा और मात्रा कम मिलेगी तो विभाग उन पर कार्रवाई करेगा जबकि वरदानों की स्थिति ऐसी है कि निर्धारित वजन आ ही नहीं रहा.
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