MP DGP Order: 'माननीयों को बिना सैल्यूट किए काम नहीं चलेगा!' डीजीपी मकवाना ने एमपी पुलिस के लिए जारी किए खास आदेश

MP Police New Rule: अब एमपी में पुलिस कर्मियों के लिए नेताओं को सलाम करना अनिवार्य कर दिया गया है. इसको लेकर एमपी डीजीपी कैलाश मकवाना ने एक खास आदेश जारी किया है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.

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MP DGP Order: कैलाश मकवाना ने जारी किए खास निर्देश

MP Police Salute Rule: मध्य प्रदेश पुलिस के लिए अब माननीयों को सैल्यूट मारना अनिवार्य होगा. किसी भी आयोजन या थाने में पहुंचने के पहले विधायक और सांसदों (MPs and MLAs) को पुलिस अधिकारी और कर्मियों को सैल्यूट मारना होगा. इसके लिए डीजीपी कैलाश मकवाना (Kailash Makwana) ने आदेश जारी कर कहा है कि किसी भी जनप्रतिनिधि के साथ शिष्ट व्यवहार में कमी नहीं होनी चाहिए. सांसद और विधायक मिलने आए तो पुलिस अफसरों को प्राथमिकता के आधार पर उनसे मुलाकात कर बात सुननी होगी और आने जाने पर सैल्यूट मारना होगा.

DGP Kailash Makwana New Order for Police

कई बार जारी हुआ है आदेश

डीजीपी का यह निर्देश 24 अप्रैल को जारी हुआ है. मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने सांसदों, विधायकों के सम्मान को लेकर जारी निर्देश में 8 अलग-अलग परिपत्रों का भी जिक्र किया है. ये सर्कुलर पुलिस महकमे के अफसरों के लिए 23 जनवरी 2004, 18 मई 2007, 22 मार्च 2011, 24 अक्टूबर 2017, 19 जुलाई 2019, 11 दिसम्बर 2019, 12 नवम्बर 2021 तथा 4 अप्रेल 2022 को सरकार द्वारा जारी किए गए थे.

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क्या कहता है पुराना आदेश

बताया गया कि पिछले आदेश माननीय के प्रोटोकॉल और शिष्टाचार को लेकर दिए गए थे. एक बार फिर पुलिस मुख्यालय ने डीजीपी के निर्देश और आदेश पर प्रदेश के सभी थाना प्रभारियों से लेकर उच्च स्तर तक के अधिकारियों को निर्देशित किया है. अब सैल्यूट को लेकर खास निर्देश दिए गए हैं.

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किस मामले को लेकर लिया गया एक्शन?

मध्य प्रदेश के पिछोर से विधायक प्रीतम लोधी और मऊगंज से विधायक प्रदीप पटेल ने लगातार पुलिस के अधिकारियों को घेरा था. विधायक प्रीतम लोधी ने पिछोर सपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए थाने का घेराव किया था और एसपी से उनकी तीखी बहस भी हुई थी.

वहीं, मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल अपनी सुनवाई नहीं होने के चलते खुद ही थाने में गिरफ्तारी देने पहुंच गए थे. कहने लगे कि अगला नंबर मेरा ही था तो मैं गिरफ्तारी देने आ गया. पुलिसकर्मियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा था. इसी के बाद शिष्टाचार संबंधी बहस प्रदेश में जोर पकड़ रही थी. पुलिस मुख्यालय तक ये मामले पहुंचे. जिसके बाद डीजीपी मकवाना ने निर्देश जारी किया है.

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