Dewas Lok Sabha Seat : जिस सीट पर बाहरी सांसदों ने जमाया कब्जा, जानें सियासी इतिहास और 2024 का समीकरण

Lok Sabha Elections 2024 : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की 29 लोकसभा सीटों (Lok Sabha Elections 2024) में से एक देवास सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. देवास लोकसभा (Dewas Lok Sabha Seat) सीट को BJP का गढ़ माना जाता है.

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Dewas Lok Sabha Seat Lok Sabha Elections 2024

Dewas Lok Sabha Seat : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की 29 लोकसभा सीटों (Lok Sabha Elections 2024) में से एक देवास सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. देवास लोकसभा (Dewas Lok Sabha Seat) सीट सीहोर, शाजापुर, आगर मालवा और देवास जिलों के कुछ हिस्सों को शामिल करती है. इस लोकसभा सीट को BJP का गढ़ माना जाता है. क्योंकि साल 1971 से लेकर साल 2004 तक यहां BJP का दबदबा रहा था. साल 2009 में कांग्रेस (Congress) के सज्जन सिंह वर्मा ने BJP के दिग्गज नेता थावरचंद गेहलोत को मामूली अंतर से चुनाव हराया था. हालांकि इसके बाद साल 2014 और 2019 के आम चुनावों में देवास सीट पर फिर से BJP ने बाजी मारी. ऐसे में साल 2024 के चुनावों में मध्य प्रदेश की देवास सीट पर सस्पेंस से भरा मुकाबला होने वाला है.

देवास का मां तुलजा भवानी मंदिर

देवास जिला प्रसिद्ध टेकरी मंदिर के लिए भी जाना जाता है. देवास यानी दो देवियों का वास. इस शहर के बीचों-बीच ऊपर टेकरी पर मां तुलजा भवानी चामुंडा रानी का प्रसिद्ध मंदिर है. यह मंदिर सदियों पुराना है. इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता रानी के दोनों स्वरूप अपनी जागृत अवस्था में हैं. इसी मंदिर को माता टेकरी के नाम से भी जाना जाता है. नवरात्रि को लेकर मां चामुंडा तुलजा भवानी के प्रसिद्ध मंदिर में खास तैयारियां की जाती है. माता टेकरी के मंदिर से कई भक्तों की आस्था जुड़ी हैं. इस लोकसभा में कुल 8 विधानसभा सीटें हैं जिन पर मौजूदा समय में BJP का कब्ज़ा है. इन सीटों के नाम आष्टा (एससी), आगर (एससी), शाजापुर, शुजालपुर, कालापीपल, सोनकैच, देवास, हाटपिपलिया है.

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साल 2019 के चुनावों में कौन जीता ?

पिछले आम चुनावों की बात करें तो साल 2019 में इस सीट से BJP के महेंद्र सोलंकी ने कांग्रेस उम्मीदवार प्रहलाद सिंह टिपान्या को करारी हार दी थी. तब BJP के महेंद्र सोलंकी को कुल 8.6 लाख मत हासिल हुए थे जबकि कांग्रेस के प्रहलाद सिंह टिपान्या को 4.9 लाख वोटों में संतोष करना पड़ा. इस सीट से साल 2009 और 2014 का चुनाव बेहद अहम और गेम चेंजर साबित हुआ था. दरअसल, साल 2009 में कांग्रेस उम्मीदवार सज्जन सिंह वर्मा ने BJP को हराते हुए जीत हासिल की थी. लेकिन अगले आम चुनावों में यानी कि 2014 में जनता ने अपना मूड बदलाऔर सज्जन सिंह वर्मा को इस सीट से करारी हार का सामना करना पड़ा था. तब BJP के मनोहर उंटवाल ने करीब 2.5 लाख के वोटों के फासले से कांग्रेस उम्मीदवार सज्जन सिंह वर्मा को शिकस्त दी थी.

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जहां बाहरी सांसदों ने जमाया सिक्का

इससे जुड़ी एक खास बात ये भी है कि जब देवास, उज्जैन लोकसभा सीट का हिस्सा था तब उज्जैन के सांसद हुकुमचंद कछवाय थे. इसके बाद प्रकाश चंद्र सेठी सांसद रहे. साल मनोहर उंटवाल भी देवास से बाहर के बताए जाते हैं. मौजूदा सांसद की बात करें तो महेंद्र सोलंकी भी इंदौर और देवास से बाहर के बताए जाते हैं. एक समय था देवास सीट में शाजापुर लोकसभा भी शामिल थी. लेकिन साल 2008 मध्य प्रदेश की लोकसभा सीटों का नक्शा फिर से तैयार होने पर शाजापुर सीट का अस्तित्व खत्म हो गया. जिसके बाद इस सीट पर कुल तीन बार आमचुनाव हुए और अब चौथी बार साल 2024 में हैं.

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BJP उम्मीदवार ने किया जीत का दावा

साल 2024 के चुनावों की बात करें तो देवास लोकसभा सीट से BJP ने एक बार फिर कद्दावर नेता महेंद्र सिंह सोलंकी को मैदान में उतारा है. तो वहीं, कांग्रेस ने राजेंद्र मालवीय को मौका दिया है. महेंद्र सिंह सोलंकी ने NDTV से दावा किया था कि एक बार फिर से 4 जून को होली मनाई जाएगी. जिस तरह 22 जनवरी को रामलला के आगमन पर दिवाली मनाई गई थी... ठीक वैसे ही 4 जून को होली का माहौल होगा. सांसद का कहना है कि इस बार BJP अकेले के दम पर 400 से ज़्यादा सीटें लाएगी. तो वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार की बात करें तो राजेंद्र राधाकिशन मालवीय को तीसरी बार मैदान में उतारा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इससे पहले राजेंद्र मालवीय 2 विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. जहां कांग्रेस ने उन्हें इंदौर जिले के सांवेर से टिकट दिया था. तो वहीं दूसरी बार पार्टी ने उन्हें उज्जैन जिले की तराना सीट से उम्मीदवार बनाया था... लेकिन उन्हें दोनों बार हार का सामना करना पड़ा था.

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